नई दिल्ली. बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालातों के कारण देश के कई राज्यों में तबाही मच गई है। बंगाल और ओडिशा बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। शनिवार को बारिश के बाद कोलकाता के अधिकांश हिस्से पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। सड़कों पर पानी भर गया है। कोलकाता और सियालदह स्टेशनों में भी पानी भर गया है जिसके कारण ट्रेनों की सर्विस ठप पड़ गई है। वहीं,...
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अवकाश के दिन भी खटखटा सकते हैं कोर्ट का दरवाजा, मिलेगा न्याय
पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। आमतौर पर सभी को ये मालूम है कि अवकाश वाले दिन हाईकोर्ट बंद रहता है, लेकिन न्याय अवकाश वाले दिन भी किए जाते हैं। यदि आप चाहें तो अवकाश के दिन भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर न्याय पा सकते हैं। ताजा उदाहरण तहसील भवन को तोड़े जाने से जुड़ा है। सुबह 11 बजे तहसीली भवन का एक हिस्से को तोड़े जाने की कार्रवाई बीच में रोकना पड़ गई।...
More »ऐसे तो नहीं मिलेगी किसान को राहत - डॉ भरत झुनझुनवाला
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किसानों के लिए नई बीमा योजना लागू करने की घोषणा की है। प्राकृतिक आपदाओं से हुई खेती की क्षति के कारण किसान कर्ज अदा नहीं कर पाते हैं और खुदकुशी को मजबूर होते हैं। योजना है कि बीमा के प्रीमियम पर सरकार सबसिडी देगी। देश के लगभग दो-तिहाई किसानों के पास ढाई एकड़ से कम जमीन है। उत्तराखंड के मेरे गांव में इतनी जमीन पर लगभग...
More »इंसेफलाइटिस : रुक नहीं रहा है मौत का सिलसिला
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में इंसेफलाइटिस की बीमारी से मौत का सिलसिला जारी है. हर दिन ही किसी न किसी रोगी की मौत हो रही है. खास कर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोई न कोई रोगी इस बीमारी से पीड़ित होकर मर रहा है. मेडिकल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटे में इंसेफलाइटिस की बीमारी से यहां और दो रोगियों की मौत हो गयी....
More »गांवों को गोद लेना असली दायित्व- डा अनिल जोशी
यूरोप की अर्थव्यवस्था दूसरे विश्वयुद्व के बाद पूरी तरह लड़खड़ा गई थी और उस समय उद्योग को मूलमंत्र मानकर विकास की रूपरेखा तैयार की गई। इसी समय विकास की दिशा में दो बड़े परिवर्तन हुए। पहला विकास की परिभाषा गढ़ी गई, जिसका मतलब सीधा-सा यह था कि उद्योग और उससे जुड़े तमाम आगे-पीछे के आयामों को ही विकास मान लिया जाए। दूसरा इसी के बाद भोगवादी सभ्यता का तेजी से...
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