जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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गैस पीड़ितों को 1,500 करोड़
नयी दिल्ली/भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों तथा विकलाग हुए लोगों के लिए मुआवजे की रकम को बढ़ाते हुए मंत्रियों के समूह ने सोमवार को 1,500 करोड़ रुपये के पैकेज पर अंतिम फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने पीड़ितों को राहत तथा उनके पुनर्वास सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया था। माना जाता है कि इस समूह...
More »मिड-डे-मील के लिए बनेगी आधुनिक कीचन : भुक्कल
झज्जर, जागरण संवाद केंद्र : हरियाणा की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में मिड-डे-मील योजना को ओर अधिक बेहतर बनाने की दिशा में सभी स्कूलों में आधुनिक कीचन निर्मित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रसोई घरों के लिए तमाम जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि बच्चों को गुणवत्तापरक खाना उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने स्कूल मुखियाओं व अध्यापकों से आह्वान किया कि मिड-डे-मील में बच्चों...
More »प्यास बुझाने को महिलाओं ने हाथों में पकड़ी कुदालें
मदकोट (पिथौरागढ़)। घर के बच्चों से लेकर बूढ़ों तथा गौशाला के जानवरों का पालन करने वाली पर्वतीय समाज की धुरी ग्रामीण महिलाएं अब प्यासों को पानी पिलाने के लिये हाथों में कुदालें और रैंच लेकर पाईप लाईन भी सुधारने में जुट चुकी है। जी हां यह सब कर रही हैं तहसील मुनस्यारी के सीमान्त ग्राम पंचायत मदकोट की महिलाएं। तपती दुपहरी में घर के सभी कार्य निपटा कर भूमिगत पाईपों को खोद कर उनकी साफ-सफाई...
More »पानी, जहर और जीडीपी-- देविंदर शर्मा
इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
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