खास बात • जलवायु परिवर्तन के कारण सालाना वर्षा चक्र पर असर पड़ेगा और भारत के कई इलाके निरंतर बाढ़ और सूखे की चपेट में आएंगे* • जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के विभिन्न भागों में तापमान में बढ़ोतरी के साथ फसलों की उत्पादकता में कमी आई है। है।* • भारत से मलेरिया-उन्मूलन करना अब असंभव बनता जा रहा है। देश के कई नये इलाके मलेरिया की चपेट में आएंगे, खासकर उत्तर और...
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सार्वजनिक वितरण प्रणाली
[inside]'एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक' का पहला संस्करण[/inside] जारी. सामान्य श्रेणी में ओड़िशा ने व विशेष राज्यों की श्रेणी में त्रिपुरा ने किया टॉप. 5 जुलाई, को दिल्ली में आयोजित खाद्य मंत्रियों के सम्मलेन में देश के खाद्य मंत्री श्री पियूष गोयल ने इस रिपोर्ट ('एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक') को किया जारी.(अंग्रेजी में यहाँ से पढ़िए) NFSA के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक असल में NFSA को लागु करने के लिए...
More »सतत् विकास लक्ष्य
प्रिय पाठक, नॉलेज गेटवे में आपका स्वागत है।अब अगर आपका सवाल है कि ये नॉलेज गेटवे है क्या? तो हमारा जवाब होगा कि दरअसल हम एक भंडारगृह बना रहे हैं; सूचनाओं का भंडारगृह। यहाँ आपकी भेंट किसी ‘खास विषय’ से जुड़ी ज़रूरी सूचनाओं से हो जाएगी। आपकी सहूलियत के लिए हमने नॉलेज गेटवे को कई खण्डों–उपखण्डों में बाँटा है। ये ‘सतत् विकास लक्ष्य’ नामक उपखंड है। खास बातें— पहले वैश्विक युद्ध के कारण मची...
More »किसान आंदोलन में भूमि सुधार का मुद्दा अहमः पावेल कुस्सा, द जर्नी ऑफ फार्मर्स रिबेलियन के विमोचन पर
वर्कर्स यूनिटी, 25 सितम्बर भारत में किसान आंदोलन के दो इतिहास हैं। एक भूमि सुधार जोकि 1947 से ही मौजूद है। और दूसरा ग्रीन रिवोल्यूशन के बाद पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी की बेल्ट में खेत मालिक किसानों के आंदोलन, जोकि फसलों के उचित दाम को लेकर हैं। मौजूदा किसान आंदोलन में भी एमएसपी का मुद्दा प्रमुख है। इन दोनों किस्म के आंदोलनों में ये ताज़ा आंदोलन इस मायने में अलग है कि...
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