आज हर बात की तरह पानी का राजनीति भी चल निकली है। पानी तरल है, इसलिए उसकी राजनीति भी जरूरत से ज्यादा बहने लगी है। देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जिसे प्रकृति उसके लायक पानी न देती हो, लेकिन आज दो घरों, दो गांवों, दो शहरों, दो राज्यों और दो देशों के बीच भी पानी को लेकर एक न एक लड़ाई हर जगह मिलेगी। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि...
More »SEARCH RESULT
कृषि यंत्रों पर से हटे वैट व सेल्स टेक्स
जम्मू, जागरण संवाददाता : प्री बजट बैठक में किसानों ने एक-एक दिक्कतों को सरकार के समक्ष रखा और उनके समाधान की गुहार लगाई। सोमवार शाम तीन घंटे चली इस बैठक में वित मंत्री अब्दुल रहीम राथर ने किसानों की हर एक समस्या को बारीकी से सुना। उन्होंने बाहरी राज्यों से लाए जाने वाले कृषि यंत्रों पर सेल्स टेक्स व वैट हटाने की मांग की। किसानों ने कहा कि इन्हीं टेक्सों...
More »यूनिक आईडी के खिलाफ अरुणा राय
जयपुर. समाज को सरकारी तंत्र की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए या नहीं। इसी विषय पर संवाद के साथ मंगलवार शाम जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का समापन हुआ। सॉन्जॉय राय ने अगले फेस्टिवल में निमंत्रण के साथ सभी का आभार जताया। समापन संवाद में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय ने कहा, सरकार प्रजा की नौकर है और नौकर को कुछ भी छुपाने का अधिकार नहीं। अगर आपको किसी चीज की सूचना नहीं है तो वह...
More »बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »अब भी हज़ारों किसान कर रहे हैं आत्महत्या- पवन नारा
अगर किसानों की आत्महत्या को किसानों की स्थिती का पैमाना माना जाए तो 2009 में किसानों के हालात बदतर हुए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकंडों के अनुसार भारत भर में 2009 के दौरान 17368 किसानों ने आत्महत्या की है. किसानों के हालात बुरे हुए हैं, इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों की आत्महत्या की ये घटनाएँ, 2008 के मुकाबले 1172 ज़्यादा है. इससे...
More »