मैगी से जुड़े हाल के विवाद ने बहुतों को गहरी नींद से जगा दिया है। इसके बाद सिर्फ मैगी या नेस्ले की छवि खराब नहीं हुई है, बल्कि फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड ऐक्ट, 2006 (एफएसएसए) और विनियंत्रक फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की छवि भी दांव पर है। वैसे तो असंगठित पैकेज्ड और गैर पैकेज्ड खाद्य उत्पादों के प्रति उपभोक्ता हमेशा ही सशंकित रहते हैं, पर हाल...
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महंगाई बढ़ना नहीं, कम होना बड़ी चुनौतीः अरविंद सुब्रमण्यन
नई दिल्ली। देश में आम मान्यता रही है कि महंगाई बड़ी समस्या है। रिजर्व बैंक भी कीमतें कम करने के हर-संभव प्रयास करता रहा है, लेकिन मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का मानना है कि महंगाई कम होना बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार ने बुधवार को अपस्फीति यानी चीजों के दाम जरूरत से ज्यादा कम होने को अर्थव्यवस्था के समक्ष नई चुनौती करार दिया। इसके साथ ही सरकार की ओर...
More »देशभर में प्याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन
देशभर में प्याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्याज के भाव खुदरा मंडियों में क्वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...
More »कृषि मंत्रालय का नाम होगा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
किसानों की जरूरतों व उनकी व्यक्तिगत दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए सात दशक पुराने कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यह घोषणा की। लालकिले की प्राचीर से 69वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में मोदी ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि सरकार फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिये हरसंभव...
More »विकास के कोलाहल में- अरविन्द कुमार सेन
देश में सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना (एसइसीसी) के अलग-अलग पहलुओं पर बहस चल रही है। कुछ जानकार इस तथ्य की तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस जनगणना ने भारतीय अर्थव्यवस्था के कई स्याह हिस्सों पर रोशनी डाली है। विकास के कोलाहल में स्याह हिस्सों को कोई भी सरकार नहीं देखना चाहती। चाहे वह कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार रही हो, जिसने इस जनगणना के आंकड़ों को जानबूझ कर...
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