नई दिल्ली। चीनी की कीमतों को स्थिर रखने के लिए किसान संगठन चीनी को सरकारी नियंत्रण में लाने की मांग कर रहे है वहीं सरकार आयात शुल्क में बढ़ोतरी की वकालत कर रही है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों की बुधवार को अहम बैठक हुई है, जिसमें खाद्य मंत्रालय ने जहां चीनी पर लगने वाले आयात शुल्क को 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने...
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किसानों को बिना मौजूदा कर्ज चुकाए अगली फसल के लिए मिलेगा लोन
नई दिल्ली। असमय बारिश के कारण जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें राहत देने के लिए सरकार ने कर्ज पुनर्गठन (लोन रीस्ट्रक्चर) करने का निर्णय किया है। कर्ज पुनर्गठन के बाद प्रभावित किसानों को न सिर्फ मौजूदा ऋण चुकाने के लिए अगले फसल चक्र तक का वक्त मिलेगा बल्कि वे खरीफ फसल के लिए भी बैंकों से कर्ज ले सकेंगे। आमतौर पर किसानों को बिना पिछला फसल ऋण...
More »बारिश से तबाह किसानों को मोदी ने दी बड़ी सौगात
बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि से तबाह हुए लाखों किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े ऐलान किए। नई व्यवस्था के तहत अब 50 फीसदी की जगह 33 फीसदी फसल खराब होने पर भी किसान मुआवजे के हकदार होंगे। प्रधानमंत्री ने मुआवजे की राशि में भी 50 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के ऋण का पुनर्गठन...
More »किसानों को केंद्र से मिली राहत की असलियत, नुकसान की भरपाई दूर की कौड़ी- हरवीर सिंह
भू-अधिग्रहण और किसानों की खुदकुशी के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को किसान हितैषी फैसलों की झड़ी लगाकर अपने राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने की भरपूर कोशिश की है। इन उपायों के तहत बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसलों के लिए सहायता राशि बढ़ाई गई है। नुकसान के आकलन के लिए 50 फीसदी सीमा को घटाकर 33 फीसदी करने, प्रभावित किसानों को कर्ज अदायगी में ज्यादा मोहलत और...
More »फायदे से ज्यादा होगा नुकसान - जयराम रमेश
निश्चित रूप से 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय करों का बड़ा हिस्सा राज्यों को हस्तांतरित किए जाने का निर्णय एक बड़ा कदम है, जो हाल में पेश किए गए बजट का मुख्य बिंदु रहा है। वित्त आयोग ने सुझाव दिया था कि केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले करों का 42 फीसदी हिस्सा राज्यों को दे दिया जाए। अभी तक केंद्र द्वारा राज्यों को 32 प्रतिशत हिस्सा...
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