SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 956

किसानों की तकदीर बदलने वाले धान पर अनुदान बंद- अनंगपाल दीक्षित

अविभाजित सरगुजा जिले में विगत 10 वर्षों से सर्वाधिक उत्पादन देने वाली धान की प्रमुख किस्मों पर बीज अनुदान बंद कर दिया गया है। इस वर्ष सरगुजा क्षेत्र में एकमात्र धान की किस्म पर बीज अनुदान मिलेगा। यह किस्म भी सरगुजा के किसान काफी कम उपयोग में लाते हैं। हर वर्ष लगभग साढ़े तीन सौ से अधिक किसानों का चयन कर उनके खेतों में धान-बीज तैयार कराया जाता है जिससे...

More »

जल प्रबंधन से बन गयी अंतरराष्ट्रीय पहचान- राहुल सिंह

वे अखबार नहीं पढ़ सकते. दो-चार पांच पंक्तियां लिख नहीं सकते. अगर कोई सामान्य बात भी लिखवाना हो तो किसी दूसरे की मदद लेते हैं. किसी तरह अपना हस्ताक्षर कर लेते हैं या एकाध टूटी-फूटी पंक्ति लिख लेते हैं. लेकिन उन पर दुनिया के प्रख्यात विश्वविद्यालय कैंब्रिज के छात्र भी शोध करते हैं. अपनी पीएचडी की थिसिस में उनके कार्यो व पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण विकास के लिए उनके...

More »

मॉनसून साथ न दे, तो भी अच्छी खेती करें- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी

झारखंड और बिहार में मॉनसून की आंखमिचौली एक तरह से स्थायी समस्या बन गयी है. इन परिस्थितियों में फसलों की बरबादी और कम उत्पादन की आशंकाएं रहती हैं. इस विषम परिस्थिति से निबटने का सही तरीका कुशल प्रबंधन है. यह प्रबंधन किसानों को करना है. इस बार मौसम पूर्वानुमान में मॉनसून का ज्यादा साथ देने की संभवना कम व्यक्त की गयी है. ऐसे में किसान संयम, समझ और जागरूकता से काम...

More »

धान की खेती के मोह को कम करें किसान- डा अब्दुल वदूद

किसानों को हर साल खेती में भारी क्षति का सामना करना पड़ता है. समय पर बारिश नहीं होने से किसानों की मेहनत तो बेकार हो ही जाती है साथ ही खेतों में डाले गये बीज तथा खाद भी बरबाद हो जाते हैं. किसानों को अब यह सलाह दी जाती है कि वे वैकल्पिक खेती की ओर ध्यान दें. इसी सिलसिले में पंचायतनामा संवाददाता ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान...

More »

परिवर्तन के लिए पूर्वाभ्यास- प्रभु जोशी

जनसत्ता 23 मई, 2014 : इन चुनाव परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि नरेंद्र मोदी अपने दल से बड़े हैं। वे मालवा की इस कहावत के चरितार्थ हैं कि‘दस हाथ की कंकड़ी में बीस हाथ का बीज’। उनके ऐसा ‘वैराट्य’ ग्रहण करते ही उनका दल छिलके की तरह नीचे गिर गया है। वे स्वयंसिद्ध सत्ता की उस धार में बदल चुके हैं, जिसे अब दल की पुरानी आडवाणी-अटल छाप म्यान...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close