जनसत्ता 22 अक्टुबर, 2012: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर भी देश का लगभग पूरा राजनीतिक वर्ग आरोपितों का इन दिनों अतार्किक ढंग से बचाव करता नजर आ रहा है। कोई दल या नेता अपनी कमी या गलती मानने को आज तैयार नहीं है। सुधरने का तो कहीं से दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं। इससे भी, भ्रष्टाचार की समस्या की गंभीरता का पता चलता है। देश के अधिकतर नेताओं के ताजा रुख...
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फिर अहम होता व्यवस्था परिवर्तन का मुद्दा- प्रो आनंद कुमार
आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन की बात फिर चल रही है. लेकिन, जब कभी इस तरह के आंदोलनों की बात छिड़ती है, तो बरबस लोकनायक जयप्रकाश नारायण का चेहरा व चिंतन हमारे जेहन में आता है. अमूमन जेपी की शख्सीयत को सत्तर के दशक में उनके द्वारा दिये गये संपूर्ण क्रांति के नारे में ही समेटने की कोशिश होती है. सच यह है कि जेपी ने इस देश...
More »आखिर कैसे बचेगी गरीबों की जान
ईश्वर न करे किसी गरीब को सजर्री कराने की नौबत आये. महंगाई चिकित्सा के इस क्षेत्र में भी नंगा नाच कर रही है. हाल के दिनों में सजर्री के क्षेत्र में दो से 12 हजार रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. यह वृद्धि सामान्य अस्पतालों की है. कॉरपोरेट अस्पतालों तक तो गरीबों की पहुंच ही नहीं है. शहर के एक प्रख्यात नर्सिग होम में दो साल पहले जहां हर्निया का ऑपरेशन...
More »अब फैसला राज्यों पर-- ।।कुलदीप नैय्यर।।
देश में आर्थिक सुधारों की झड़ी लगाते हुए मनमोहन सरकार ने खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) और डीजल की कीमत में वृद्धि आदि को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन इसके साथ यह कहते हुए कि एफडीआइ को लागू करने और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को कम करने का फैसला राज्य सरकारें अपने स्तर पर कर सकती हैं, एक तरह की रणनीतिक राजनीतिक भी शुरू कर...
More »आम आदमी को महंगी और होटल वालों को सस्ती पड़ेगी गैस
भोपाल. एक साल में पहले छह सिलेंडर 451 में और इसके बाद हर सिलेंडर के लिए करीब 800 रुपए। इस नए निर्णय से घरेलू उपभोक्ता को जरूर झटका लगा है, लेकिन व्यावसायिक सिलेंडर का उपयोग करने वाले दुकानदारों को राहत मिलती दिख रही है। ऐसा इसीलिए क्योंकि दुकानदार अभी 1469 रुपए में 19 किलो का व्यावसायिक सिलेंडर ले रहे हैं। नए नियम के बाद 1600 रुपए में बिना सब्सिडी वाले दो सिलेंडर...
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