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गुजरात: 'संघ' की शिक्षा सरकारी स्कूलों में

गुजरात सरकार उन किताबों को राज्य के सभी प्राइमरी और हाई स्कूलों में पढ़ाने जा रही है जिन्हें पिछले दो दशकों से संघ की शाखाओं में बाँटा जाता रहा है. अब तक ये किताबें 'विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान' के स्कूलों में भी पढ़ाई जा रही थीं लेकिन अब ये सरकारी स्कूलों में भी बांटी जाएंगी. इन पुस्तकों के लेखक आरएसएस के कार्यकर्ता दीनानाथ बत्रा हैं. ये वही दीनानाथ बत्रा हैं...

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सरकार का खर्च दोगुना, विभाग आधा भी खर्च नहीं कर पाए

रायपुर (ब्यूरो)। प्रदेश में पिछले पांच सालों में सरकार का खर्च दोगुना हो गया है, लेकिन इस दौरान अलग-अलग विभागों को आवंटित राशि का 50 फीसद भी खर्च कई विभाग नहीं कर पाए। महालेखाकार बीके मोहंती ने शुक्रवार को पत्रवार्ता में बताया कि पांच साल पहले सरकार का खर्च 17 हजार 28 करा़ेड रुपए था जो 2013 में बढ़कर 31 हजार 780 करोड़ हो गया। बजट दोगुना होने के बावजूद कई...

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जुर्म का गढ़ बनता जा रहा है यूपी- फरजंद अहमद

राजनीति की केमिस्ट्री की एक खासियत है कि जो चीज जितनी तेजी से बदलती है, वह उतनी ही तेजी से अपने मूल की ओर लौट भी जाती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में लगातार सांप्रदायिक दंगों और फिर रेप जैसी शर्मनाक घटनाओं पर हो रहे हंगामे में अखिलेश यादव सरकार उलझ गई है। इसकी वजह भी है। हर घटना इसी बात की ओर इशारा करती है कि देश का सबसे बड़ा...

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बजट बाद वित्त मंत्री के नाम एक खत...गोविन्दो भट्टाचार्य

प्रिय वित्त मंत्री, यह आपकी सरकार का पहला बजट था। जनता ने भारी-भरकम जनादेश देकर आपको यह मौका दिया। पिछले शासन से अलग हटकर आपने जनता से बदलाव और बिना किसी खैरात के विकास करने का वादा किया था। वित्त मंत्री जी क्या हुआ इन वादों का? तीस सालों में पहली बार आपकी पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आई। यह राष्ट्र बखूबी जानता है कि पिछली सरकार ने अपने शासन में...

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शक्ति की करो तुम मौलिक कल्पना- रमेशचंद्र शाह

जनसत्ता 14 जुलाई, 2014 : भीतर और बाहर के सूने सपाट में अकस्मात यह कैसी तरंग उठी और उठ कर फैलती ही गई! महज एक काव्य-पंक्ति, सबकी जानी-मानी एक सुविख्यात कवि की क्यों इस तरह अयाचित और अकस्मात मन में कौंध उठी कि मुझे लगने लगा- मुझे जो कुछ कहना था वह मैंने कह दिया और कहने के साथ ही कर भी दिया। कुछ इस तरह कि मानो जो कुछ भीतर...

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