दिप्रिंट, 17अगस्त कोविड के दौरान दूसरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए पढ़ाई किसी चुनौती से कम नहीं थी. खासकर गणित और अंग्रेजी विषयों का सीखना-समझना उनके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल रहा. ये बात 22 भारतीय राज्यों में किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आई है. सामाजिक संगठन स्माइल फाउंडेशन ने मई और जुलाई 2022 के बीच किए गए अपने अध्ययन में पाया कि इन कक्षाओं में पढ़ने वाले...
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पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
More »पहले गेहूं, अब चावल- खराब मौसम की मार के कारण इस सीजन में ‘10 मिलियन टन’ तक गिर सकता है उत्पादन
दिप्रिंट , 27 जुलाई अप्रैल-मई में भीषण गर्मी के कारण देश में गेहूं की फसल खराब हो गई थी, जिसकी वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और अब मौजूदा खरीफ सीजन की मुख्य फसल चावल की बुवाई कई राज्यों में कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में इस मानसून के मौसम में अब तक कम बारिश हुई है, जबकि असम...
More »बाढ़ को असम से इतनी मोहब्बत क्यों ?
हर बरस की बात है यहां. बारिश का सीजन आता है. बाढ़ की खबरें आती हैं. मौत के आंकड़े आते हैं और, अंत में ‘राहत की घोषणा’ होती है! घोषणा आते ही सरकार की वाहवाही शुरू हो जाती हैं. इस वाहवाही की गूंज के पीछे छिप जाती है आम लोगों की ‘चीत्कार’...ऐसी ही कहानी है ‘असम’ की. उत्तर–पूर्वी भारत का एक राज्य जो मई और जून के महीनों में बाढ़ से जूझता...
More »असम: जिस ओर नजर सिर्फ पानी ही पानी, जान माल की भारी क्षति
न्यूज़लॉन्ड्री, 19 जुलाई असम में नेशनल हाईवे 31 के किनारे जिस ओर नजर जाती है, पानी ही पानी दिखता है. यहां कुछ दिन पहले तक धान की लहलहाती फसल दिखती थी. इसी हाईवे पर 43 वर्षीय रहीसुद्दीन अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ मदद का इंतजार कर रहे हैं. राज्य में नगांव जिले के राहा अनुमंडल के काकोटी गांव निवासी रहीसुद्दीन अपने गांव वापस जाने के लिए किसी नाव की...
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