कोलकाता: हर इंसान की यह इच्छा होती है कि उसके जीवन के आखिरी क्षण अपनों के साथ अपनी धरती पर बीते, पर पश्चिम बंगाल की ऐसी सैकड़ों महिलाएं हैं, जो अपनी आखिरी सांस वृंदावन में लेना चाहती हैं. समाज व धर्म की रुढ़ीवादी मान्यताओं की मारी सैकड़ों विधवाएं वर्षो से वृंदावन की खाक छान रही हैं. ऐसे में सुलभ होप फाउंडेशन ने इन्हें गले लगाया है. इस संस्था ने इन दुखियारी...
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दावं पर सब, पर रोशन हुआ गांव
। स्कूल के लिए दान की पूरी जमीन, खुद झोपड़ी में रह रहे हैं महावीर।। उम्मीदें, जुनून हों, तो कदम कहां थमते. कुछ ऐसे ही हैं वैशाली जिले के निवासी 75 वर्षीय महावीर सहनी. भले ही सातवीं पास हैं, पर उनके विचारों के आगे बड़े-बड़े डिग्रीधारी भी कमजोर नजर आते हैं. गांव में स्कूल की स्थापना के लिए उन्होंने अपनी जमीन दान में दी और खुद झोपड़ी में रह रहे हैं. इस...
More »लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे
रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
More »10 साल बाद मुक्त हुआ बंधक बना लक्ष्मण
बेरमोः आर्थिक तंगी व बदहाली से विवश होकर 10 वर्ष पूर्व रोजगार की तलाश में उत्तर प्रदेश व बिहार गये 20 वर्षीय लक्ष्मण सोरेन ने जब अपनों को देखा तो उसकी आंखें छलक आयी. अपनों से बिछड़ने की पीड़ा व एक दशक बाद परिजनों से मिलने की खुशी का भाव लक्ष्मण के चेहरे पर दिख रहा था. पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ा लक्ष्मण सोरेन नावाडीह के गोनियाटो पंचायत के परसाबेड़ा निवासी...
More »इस शख्स की कहानी है इंटरेस्टिंग, पढ़कर आप कहेंगे 'गजब' यार!- लक्ष्मीकांत सिंह
गोपालगंज। ब्रेन ट्यूमर के कारण आंखों की रोशनी चली गई, पर सकलदीप के इरादे टस से मस नहीं हुए। ट्यूमर से जूझते हुए नेत्रहीन सकलदीप गांवों में घर-घर शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं। वे चाहते हैं कि हर घर का चिराग रौशन हो। इसके लिए वह नेत्रहीनता को मात देते हुए भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उनका मानना है कि ज्ञान दान से बड़ा कुछ भी नहीं। उनकी पाठशाला बगीचे...
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