SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 90

लोकतंत्र की जड़ में राजनीति का मट्ठा - सुभाष कश्‍यप

अब जाकर उम्मीद जगी है कि आज से तीन दिन संसद के शीतकालीन सत्र में थोड़ा-बहुत विधायी कामकाज हो सकेगा। लेकिन क्या पहले ही बहुत देर नहीं हो चुकी है? पहले समूचे मानसूत्र सत्र और अब शीतकालीन सत्र के एक बड़े हिस्से के दौरान लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली संसद में जो कुछ देखने को मिला है, वह बेहद दु:खद और अप्रत्याशित रहा है। संसद के दोनों ही सदनों...

More »

देश को सुधारों से आगे सोचना होगा-- आकार पटेल

एक सुपर पावर बनने के लिहाज से भारत के लिए क्या चीजें जरूरी हैं? पहली चीज तो यह है कि उसे एक महाशक्ति यानी ग्रेट पावर होना होगा. अंतरराष्ट्रीय संबंध में इसे एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया गया है- जिसके पास वैश्विक स्तर पर अपने प्रभाव के प्रयोग की योग्यता होती है. हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्यों- अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन-...

More »

अमेरिका, चीन की कमजोरी के बीच मजबूत हो रहा भारतः ओईसीडी

पेरिस। अमेरिका और खास तौर पर चीन समेत दुनियाभर की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कमजोर होती नजर आ रही हैं, लेकिन भारत की स्थिति मजबूत हो रही है। पेरिस के आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओएसईडी) ने गुरुवार को ऐसा कहा। संगठन के मुताबिक आम तौर पर आर्थिक माहौल में कमजोरी के संकेत हैं। फिर भी यूरो जोन में स्थिरता है। वास्तव में फ्रांस और इटली जैसे यूरो जोन के देशों की...

More »

तरक्की तो अपने दम पर ही होगी- यशवंत सिन्हा

स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक समय ऐसा भी था, जब सोवियत संघ के साथ भारत की प्रगाढ़ मैत्री तथा देश में वामपंथियों के बोलबाले के चलते सोवियत संघ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहना घोर अपराध माना जाता था। मैं संसद में 1988 में आया और मुझे आश्चर्य हुआ जब संसद में भी सोवियत संघ के खिलाफ बोलने पर वामपंथी सदस्यों तथा अन्य दलों के उनके समान...

More »

चौदह साल में 61,000 भारतीय करोड़पतियों ने छोड़ा देश

नई दिल्ली। पिछले 14 साल में भारत से 61,000 करोड़पति (एचएनआई), कर सुरक्षा एवं बच्चों की शिक्षा जैसे कारणों के चलते विदेश "पलायन" कर गए। हर दिन करीब 12 भारतीय करोड़पति विदेशों में बसने चले गए। न्यू वर्ल्ड वेल्थ एवं एलआईओ ग्लोबल द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 21वीं सदी की शुरुआत से दूसरे देश की नागरिकता के लिए आवेदनों एवं स्थान परिवर्तन में जबर्दस्त...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close