SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 118

यूरोप में पानी से भी सस्‍ता बिक रहा है दूध

ब्रिटेन। यूरोप में दूध की गंगा बह रही है। बोतलबंद पानी से भी सस्‍ता मिल रहा है दूध। मगर, इसका कारण वहां की समृद्धि नहीं है। इसके उलट चीन और रूस में यूरोपीय दूध की मांग कम होने से वहां दुग्‍ध उत्‍पादकों में हड़कंप मच गया है। उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है और इसके चलते यूरोपीय देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।दरअसल, रूस ने आयात पर प्रतिबंध...

More »

किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार

जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...

More »

किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा

गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...

More »

किसानों को चाहिए सुरक्षा कवच- बी के चतुर्वेदी

विकट कृषि संकट के चलते किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस समस्या पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसानों के लिए किसी भी तरह के सुरक्षा तंत्र की रूपरेखा उनकी जरूरतों और समस्याओं की समझ पर आधारित होनी चाहिए। ऐसे किसी तंत्र के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करना जरूरी है। इसमें से पहला यह कि छोटी जोत की खेती के लिए बड़े पैमाने पर...

More »

न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के लिए कितना मददगार ?

अगर आप मानते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के ज्यादातर किसानों को उपज का लाभकर मूल्य दिलाने में कारगर है तो आप गलत सोच रहे हैं। अगर विश्वास ना हो तो नीचे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की नई रिपोर्ट के इन तथ्यों पर गौर कीजिए।(देखें नीचे दी गई रिपोर्ट) साल 2012 के जुलाई महीने से दिसंबर महीने के बीच देश के किसान प्रति क्विंटल धान में से महज 17 किलो सहकारी या...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close