खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
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‘बिजली संशोधन बिल’ को लेकर प्रदेश भर में किसानों और उपभोक्ताओं में
गांव सवेरा,09 अगस्त केंद्र सरकार ने सोमवार, 8 अगस्त को लोकसभा में बिजली संशोधन विधेयक 2022, पेश किया. ऊर्जा मंत्री आर के सिंह द्वारा पेश किए गए इस विधेयक पर कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपना विरोध जताते हुए इसे संविधान के फेडरल सिद्धांतों का उल्लंघन बताया. इस विधेयक का कई विपक्षी दलों के साथ-साथ बिजली कर्मचारियों, किसान संगठनों ने भी इस आधार पर विरोध किया है कि इससे केवल...
More »भारत में चावल की खेती लड़खड़ाई, दुनिया की खाद्य आपूर्ति गड़बड़ाई?
क्विंट हिंदी, 03 अगस्त चावल वैश्विक खाद्य आपूर्ति (global food supply) के लिए अगली चुनौती के रूप में उभर सकता है, क्योंकि भारत के कुछ हिस्सों में बारिश की कमी देखने को मिली है, साथ ही देश में पिछले तीन सालों में धान की खेती का बुआई क्षेत्र सबसे कम हो गया है. भारत के चावल उत्पादन (rice production) के लिए खतरा ऐसे समय में आया है, जब देश खाने की...
More »भारत की खाद्य चिंताएं बढ़ीं, अनियमित मॉनसूनी बारिशों से धान की रोपाई 13% पिछड़ी
दिप्रिन्ट, 30 जुलाई कृषि मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अनियमित मॉनसूनी बारिशों ने खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई को बुरी तरह प्रभावित किया है. धान रोपाई का क्षेत्र, जिसे पूरे देश में उगाया और खाया जाता है, पिछले साल के मुक़ाबले 13 प्रतिशत कम हो गया है. भारत दुनिया में चीन के बाद चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और शीर्ष निर्यातक है, जिसकी चावल...
More »क्षेत्रपति वर्ग’ के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है मौजूदा दौर
जनचौक, 24 जुलाई भारत में ‘क्षेत्रपति वर्ग’ का उल्लेख वेदों में स्पष्ट रूप से मिलता है। यह वो वर्ग है जो भूमि स्वामी रहे। इस वर्ग में विभिन्न नस्ल जातियां धर्म और क्षेत्रों के लोग मूल रूप से भूमि से जुड़े कार्यों से जीवन यापन करते थे। जो मुख्यत: किसान थे। भौगोलिक क्षेत्र में कृषि कार्यों पर आधारित जीवन शैली ने क्षेत्रपति वर्ग का निर्माण किया! कृषि उद्योग ही जीवन पद्धति का मूल अंग रहा! क्षेत्रपति वर्ग में नस्ल जाति धर्म का कोई आधारगत वर्गीकरण...
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