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खरीफ ऋतु में 74 लाख 64 हजार मैट्रिक टन खाद्य उत्पादन का लक्ष्य

भुवनेश्वर। मौजूदा खरीफ ऋतु में 74 लाख 64 हजार मैट्रिक टन खाद्य सस्य उत्पादन का लक्ष्य रक्खा गया है। इस हेतु सचिवालय में बुधवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। बैठक से पता चला है कि खरीफ ऋतु में धान एवं अन्य सामग्री को 70 लाख 86 हजार 200 मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जबकि 3.78 लाख मैट्रिक टन दाल...

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जिला स्तर पर विकास कार्य की जांच करेंगे सीएजी

भुवनेश्वर। जिला स्तर पर योजना और विकाश कार्यक्रम को अब से कंट्रोलर और आडीटर जनरल यानी सीएजी मूल्यांकन करेगे। ये निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया है। विभिन्न जिलों में चल रहे केन्द्रीय योजनाओं के विकास का संतोषजनक न होने एवं जनसाधारणों को इसका फायदा न मिलने की वजह से केन्द्र सरकार की ओर से जिलाधीशों को निर्देश दिया गया है अब तक सीएजी राज्य के एक यूनिट के तौर पर विभिन्न योजना कार्य का मूल्यांकन...

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उत्तराखंड को मिलेगा अतिरिक्त गेहूं

देहरादून। केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड राज्य में खाद्यान्न की जरूरतों को देखते हुए 13 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं देने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य मंत्री दिवाकर भट्ट ने आज यहां बताया कि प्रदेश की जनता खाद्यान्न की समस्या को लेकर लगातार जूझ रही है और अभी भी राज्य को 11 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं की जरूरत है। राज्य को अभी आंशिक सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि निर्धारित कोटे...

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नौ दवाओं के सैंपल फेल

रायपुर देशभर में घटिया दवा की सप्लाई करने वाले ड्रग माफियाओं ने छत्तीसगढ़ में जाल फैलाना शुरु कर दिया है। निम्न स्तरीय और घटिया दवाएं यहां भी बेची जा रही है। इन दवाओं में बीमारी दूर करने के महत्वपूर्ण घटक तयशुदा मापदंडों से बेहद कम या बिलकुल गायब हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारों के लिए ज्यादा दिनों तक इन्हीं दवाओं के भरोसे रहना जानलेवा साबित हो सकता है। खाद्य एवं औषद्यि विभाग द्वारा...

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जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे

एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...

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