एक राज्य के तौर पर झारखंड ने सोलह साल का सफर तय कर लिया है. इस दौरान एक अलग राज्य के तौर पर झारखंड ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है. लेकिन, नये राज्य के बनने के बाद से झारखंड से जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा कुछ हो नहीं हो पाया. फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान राज्य कई मामले में आगे बढ़ा है....
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आलू में छिपे खजाने को कब पहचानेंगे-- रमेश कुमार दूबे
अपने राजनीतिक बयानों को लेकर जब-तब चर्चा में रहने वाले कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आलू की फैक्टरी लगाने वाले बयान ने खासी सुर्खियां बटोरीं। कोई इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया' मुहिम पर व्यंग्य बता रहा है तो कोई राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता करार दे रहा है। यदि राजनीति से परे हट कर देखा जाए तो भारत में आलू की चर्चा नकारात्मक संदर्भों में...
More »थोक मुद्रास्फीति दो साल के उच्चस्तर पर, अगस्त में 3.74 प्रतिशत
नयी दिल्ली : थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में बढकर 3.74 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका दो साल का उच्चस्तर है. दालों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी से थोक मुद्रास्फीति बढी है. हालांकि, इस दौरान सब्जियों की कीमतों में गिरावट भी आई. जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 3.55 प्रतिशत पर थी. अगस्त, 2015 में यह शून्य से 5.06 प्रतिशत नीचे थी. इससे पहले अगस्त,...
More »एंथ्रोपोसीन मतलब मानव युग -- बिभाष
वैज्ञानिकों के एक वर्ग का मत है कि आइस एज के बाद बारह हजार वर्षों का स्थिर जलवायु का दौर होलोसीन, जिसके दौरान मानव सभ्यताओं का विकास हुआ, अब समाप्त हो चुका है. इस दौर की समाप्ति का कारण है मानव जाति का धरती की जलवायु में जबरदस्त हस्तक्षेप. वैज्ञानिक नये दौर को एक नया नाम 'एंथ्रोपोसीन' देना चाहते हैं. द इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने तो वर्ष 2011 में ही...
More »आर्थिक विकास के लिए नीतियां जरूरी
वैश्विक होती अर्थव्यवस्था के दौर में समान विकास की अवधारणा मजबूत हो रही है. नीति-निर्माता से लेकर आर्थिक विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि विकास दर जरूरी है, लेकिन बिना आर्थिक असमानता को दूर किये विकास अधूरा है. इस व्यापक सोच के साथ रांची में ‘इंटरनेशनल काॅन्फ्रेस ऑन इन्क्लूसिव एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन झारखंड: चैलेंज एंड अपॉर्चुनिटी' विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. पूर्वी भारत...
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