दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...
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तड़पती रही मां, नवजात की मौत
जयपुर. डॉक्टरों की चौखट पर एक घंटे तक प्रसव पीड़ा में महिला तड़पती रही..बिना इलाज। पति चिल्ला- चिल्ला कर सभी को पुकारता रहा। डॉक्टर-नर्स सामने से गुजरते गए मगर किसी ने नहीं सुनी। आखिर एक राहगीर को दया आई और उसने 108 एंबुलेंस को फोन किया। करीब तीन किमी दूरी से एंबुलेंस तो पहुंच गई, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। महिला ने खुले में ही बच्चे को जन्म दे दिया था। एंबुलेंस...
More »कुपोषण ने लील लिए 43 नौनिहाल
झाबुआ। झाबुआ के आधा दर्जन गांवों में कुपोषण व बीमारियों से तीन माह में हुई 43 बच्चों की मौत ने झाबुआ से लेकर दिल्ली तक कोहराम मचा दिया है। प्रशासन व प्रदेश सरकार जहां इन मौतों से पल्ला झाड़ एक सिरे से नकार रही है। वहीं यह मामला यूनिसेफ व संयुक्त राष्ट्र संघ में गूंजने से केन्द्र सरकार भी सतर्क हो गई है। यही कारण है कि आनन-फानन में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री कृष्णा...
More »मौत व कलंक के भय पर सेवा भारी
रांची [नीरज अंबष्ठ]। एड्स! जिसकी परिणति कलंक व निश्चित मौत। पूरे परिवार को बर्बाद कर देने वाली बीमारी। जाने-अनजाने में जिसे हो जाए, उसके अपने ही उससे दूर भागने लगते हैं। कहीं छूने-सटने से उसे भी.। बेघर तक किए जाते हैं। लेकिन एड्स पीड़ितों की सेवा और उनके लिए कुछ करने की उमंग को क्या कहेंगे? सिस्टर प्रमिला कुजूर को न तो मौत से डर है, और न ही कलंक से। एड्स पीड़ितों की सेवा की...
More »पहले दस रुपये दो, फिर पिलाने दूंगी पोलियो खुराक
फिरोजपुर झिरका, संवाद सहयोगी : यहा के बस स्टैड पर स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता रविवार को उस समय हक्का-बक्का रह गए, जब वाहनों में बैठे बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने के दौरान एक महिला ने बच्चे को ड्रॉप पिलाने के लिए दस रुपये मांग लिए। एक महिला गोद में बच्चे को लिए हुए घूम रही थी कि विभाग के कार्यकर्ता उसकी ओर लपके और उससे बच्चे को पोलियो खुराक पिलाने को कहा। पहले तो...
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