SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 235

आर्थिक संतुलन साधने की कोशिश - सुषमा रामचंद्रन

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा करते हुए अर्थव्यवस्था के उन अहम तत्वों को लेकर चिंताओं को रेखांकित किया है, जिनके कारण महंगाई बढ़ रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से ब्याज दरों में गिरावट का दौर चल रहा था। लेकिन अब रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा की पिछली लगातार दो बैठकों के बाद ब्याज दरें बढ़ाने का एलान किया। पहले...

More »

लोक संसद की कल्पना-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

सफल लोकतंत्र के लिए समाज के हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा का होना जरूरी है. यदि व्यक्ति, परिवार, जाति समूहों और प्रकृति के साथ हमारा लोकतांत्रिक संबंध नहीं होगा, तो फिर राज्य और सरकार के स्तर पर भी इसका होना संभव नहीं है. बलात्कार, भीड़ द्वारा हत्या, धर्म के नाम पर हिंसा, घरेलू हिंसा आदि में यदि बढ़ोतरी हो रही हो, तो फिर हमें समझना चाहिए कि...

More »

विकास केवल आर्थिक वृद्धि नहीं-- ज्यां द्रेज

भारत में 'रिकॉर्ड्स' बनाने या रखने का बहुत शौक है. गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में घुसने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं. लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ जाते हैं, पांच कुंतल का लड्डू बनाते हैं, तो दस फुट की अपनी मूंछ बढ़ा लेते हैं. आजकल भारत सरकार एक और रिकॉर्ड की तलाश कर रही है- सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था. और पिछले कुछ सालों में इस रिकॉर्ड...

More »

वैश्विक शांति सूचकांक में भारत का दर्जा पहले से बेहतर लेकिन अंदरुनी संघर्ष के मोर्चे पर हालात चिन्ताजनक

नये वैश्विक शांति सूचकांक रिपोर्ट में भारत की स्थिति पिछले साल के मुकाबले बेहतर हुई है लेकिन समाजी अमन और सियासी स्थिरता के एतबार से रिपोर्ट से निकलते संकेत भारत के लिए चिन्ताजनक हैं.   रिपोर्ट के मुताबिक सत्ता के शिखर पर ताकत के सिमटते जाने के कारण भारत का अंकमान सियासी अतिवाद तथा अंदरुनी संघर्ष के पैमाने पर चिन्ताजनक ऊंचाई पर है. रिपोर्ट में भारत को 163 देशों की सूची में इस साल...

More »

तेल के अर्थशास्त्र में उलझा देश-- दीपक नैय्यर

पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें इन दिनों खबरों में हैं। मई के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य लगातार 16 बार बढ़े। 28 मई को तो ये पिछले चार वर्षों के सबसे ऊंचे स्तर पर जा पहुंचे थे। हालांकि 29 मई को प्रति लीटर एक पैसे की कमी की गई थी, जिसे मजाक ही कहा जा सकता है। इसके बाद 5 जून तक हर दिन इसकी कीमतें कुछ-कुछ...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close