पिछले दिनों इसी पृष्ठ पर 'दलों की निजता और आरटीआई" शीर्षक से प्रकाशित लेख पढ़ने से ऐसा लगता है कि लेखक राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन लेख में निम्नलिखित वाक्य भी पढ़ने को मिलते हैं - 'जवाबदेही और पारदर्शिता जनतंत्र के मूल आधार हैं; धन संग्रह की पारदर्शिता अनुचित मांग नहीं है; बेशक दल संचालन को भी...
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नहीं मिली एंबुलेंस, हाथठेले से ले जा रहे थे अस्पताल, रास्ते में मौत
नरसिंहपुर। इलाज कराने हाथठेला में लिटाकर ले जाए जा रहे 65 वर्षीय एक वृद्घ की अस्पताल पहुंचने के पहले रास्ते में ही मौत हो गई। अस्पताल में मौत की पुष्टि हुई तो शव भी उसी हाथठेला में रखकर परिजन घर आ गए, घटना गोटेगांव क्षेत्र की है। प्रशासनिक अव्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति है। इलाज के अभाव में क्षेत्र में पहले भी कई...
More »खुशबू प्रकरण : बेबस मां ने कहा : हमें नहीं चाहिए कोई मदद
दुमका : जब मेरी बेटी ही नहीं रही तो अब मदद किस काम की. जब मदद की जरूरत थी, उस वक्त तो कोई नहीं आया. आज बेटी चली गयी, तो दु:ख तकलीफ देखने लोग आ रहे हैं. मदद की बात कह रहे हैं. अब न मदद चाहिए, न ही सरकारी शौचालय भी चाहिए. यह दो टूक जवाब खुशबू की मां संजू देवी ने मंत्री डॉ लोइस मरांडी व सांसद निशिकांत...
More »बच्चे की भूख से मौत से दहले लोग, प्रशासन पहुंचा
अंबिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड मुख्यालय नर्मदापुर निवासी पांच वर्षीय बच्चे की भूख से हुई मौत ने सभी को दहला दिया है। मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने जहां समिति बनाई है वहीं प्रशासन भी हरकत में आया है। शनिवार को लापता मृत बच्चे के बड़े भाई को सीतापुर से बरामद कर लिया गया। कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों ने मृत बच्चे के घर पहुंच बयान दर्ज किया। माझी...
More »एक गलत शैली का राजकाज - जयराम रमेश
बहुत जल्दी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में एक साल का समय पूरा कर लेंगे। नि:संदेह वे और उनके साथी सरकार के इस कालखंड को मील के पत्थर के तौर पर प्रचारित करेंगे और अपनी उपलब्धियों का गुणगान करेंगे। वहीं आलोचना में इस बात को इंगित किया जाएगा कि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए। बहुत बड़ी-बड़ी बातें की गईं, जिन पर बाद में सरकार ने यू-टर्न ले लिया। जीएसटी...
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