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‘हिंदी प्रदेश’ की पहचान के मायने- शैबाल गुप्ता

शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...

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छत पर लगा लिया 15 एकड़ के लिए धान का थरहा

पामगढ़ (जांजगीर चांपा, छत्‍तीसगढ़)। झूलन पचरी का एक प्रगतिशील किसान जमीन छोड़कर घर की छत पर 15 एकड़ खेत के लिए धान का थरहा लगाया है। खेत में जानवरों के चराई से तंग आकर उसने यह तरीका निकाला है। झूलन पचरी निवासी किसान बलेसर डहरिया मजदूर की समस्या के चलते कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2011 पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई) अनुदान में प्राप्त कर 50 एकड़ स्वयं का तथा...

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छत पर लगा लिया 15 एकड़ के लिए धान का थरहा

पामगढ़ (जांजगीर चांपा, छत्‍तीसगढ़)। झूलन पचरी का एक प्रगतिशील किसान जमीन छोड़कर घर की छत पर 15 एकड़ खेत के लिए धान का थरहा लगाया है। खेत में जानवरों के चराई से तंग आकर उसने यह तरीका निकाला है। झूलन पचरी निवासी किसान बलेसर डहरिया मजदूर की समस्या के चलते कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2011 पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई) अनुदान में प्राप्त कर 50 एकड़ स्वयं का तथा...

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जातीय विद्वेष की जड़ें- विनोद कुमार

जनसत्ता 16 मई, 2014 : असम की जातीय हिंसा पर कोई सार्थक बातचीत या चर्चा शुरूकरने का खतरा यह है कि कहीं आप अल्पसंख्यक विरोधी करार न दे दिए जाएं। वह भी उस वक्त जब असम में जातीय हिंसा में लोगों के मरने का सिलसिला साल दर साल बढ़ता गया है। ताजा हिंसा इत्तिफाक से मोदी के उस दौरे के तुरंत बाद शुरूहुई, जिसमें उन्होंने घुसपैठियों को देश से निकाल...

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जहर की खेती कब तक

मानव स्वास्थ्य : कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से खाने-पीने के सामान हुए जहरीले यूरोप में भारतीय आम पर प्रतिबन्ध ने नीति निर्घारकों को सोचने का एक और मौका दिया है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के खिलाफ पत्रिका लम्बे समय से मुहिम चलाता रहा है। अनेक शोध और अध्ययन बताते रहे हैं कि खाने-पीने की चीजों में जहर फैलता जा रहा है। सरकार से लेकर आम उपभोक्ता तक सभी को...

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