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ग्रामीण भारत को ‘मेगा पुश’- प्रमोद जोशी

मोदी सरकार ने चार राज्यों के चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक जरूरतों का पूरा करनेवाला बजट पेश किया है. इसमें सबसे ज्यादा जोर ग्रामीण क्षेत्र, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों पर है. राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत रखने के बावजूद सोशल सेक्टर के लिए धनराशि का इंतजाम किया गया ोहै. अजा-जजा उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम भी इसका संकेत देते हैं.  बजट का संदेश है कि अमीर ज्यादा...

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पर्यावरण के नाम पर जीवनशैली पर डाला असर- राघवेन्द्र नारायण सिंह

पर्यावरण संरक्षण की दुहाई देकर सभी तरह की कारों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ डाला गया है लेकिन इससे जीवनशैली पर खासा असर पड़ने वाला है। अमीरों के साथ-साथ मध्यम वर्ग पर भी चपत लगाई गई है। छोटी कार अब मध्यम वर्ग की जरूरतों में शुमार है। बैंक ऋण को आसान बनाकर पहले इसे सुलभ बनाया गया और अब इसकी कीमत में बढ़ोतरी कर सरकार मध्यम वर्ग पर बोझ डालने की...

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बिहार- पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शौचालय की बाध्यता खत्म

पटना : राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए शौचालय की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि इस निर्णय के तहत अब पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए बिहार राज्य पंचायत राज अधिनियम, 2006 में किये गये प्रावधान को हटा दिया गया है. इसके तहत मुखिया, सरपंच,...

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कृषि मंत्री के वाहनों पर 9.2 लाख का डीजल खर्च

रांची: राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कुरसी मिलने के बाद गुजरे नौ महीनों के दौरान अपनी गाड़ियाें में 18,400 लीटर से अधिक डीजल भराया है. डीजल की औसत दर 50 रुपये प्रति लीटर माना जाये, तो मंत्री की गाड़ियाें में भराये गये डीजल की कुल कीमत 9.2 लाख रुपये होती है. केवल जामताड़ा जिला प्रशासन से मंत्री ने अपनी गाड़ी में 5.5 लाख रुपये का डीजल भरवाया है....

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गहरी समस्याओं के सतही समाधान - संजय कपूर

मैं पिछले 28 सालों से दिल्ली में रह रहा हूं और प्रदूषण का स्तर यहां हमेशा बेहद ज्यादा रहा है। 80 के दशक के अंत में जब मैं अपनी टू-व्हीलर से इस शहर के चक्कर लगाता था, तब भी यहां प्रदूषण का यह आलम था कि दिन खत्म होते-होते मेरे चेहरे पर कालिख की हल्की-सी परत जम जाया करती थी। तब भी हम यही पाते थे कि सरकारें इस समस्या...

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