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CMIE रिपोर्ट: बेरोजगारी में फिर पहले नंबर पर रहा हरियाणा, विपक्ष ने साधा निशाना!

 गाँव सवेरा, 4 जनवरी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़ों में हरियाणा फिर से पहले स्थान पर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर के महीने में हरियाणा में बेरोजगारी की उच्चतम दर 37.4% रही, इसके बाद राजस्थान में 28.5 प्रतिशत, दिल्ली में 20.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर्ज रही. वहीं बिहार में 19.1 प्रतिशत और झारखंड 18 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गई. बेरोजगारी के...

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देश में बेरोज़गारी दर दिसंबर में 16 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंची: सीएमआईई

द वायर, 02 जनवरी देश में बेरोजगारी की दर दिसंबर, 2022 में बढ़कर 8.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बेरोजगारी दर का यह 16 माह का उच्चतम स्तर है. आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत थी, जबकि सितंबर में यह सबसे कम 6.43 प्रतिशत थी. वहीं, अगस्त में...

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कम भुगतान, कम सम्मान: भारत के जिलों में मुफ्त कानूनी सहायता की गुणवत्ता खराब क्यों है?

इंडियास्पेंड, 02 जनवरी दिल्ली के कड़कड़डूमा जिला न्यायालय में आयुष* फ्री कानूनी सहायता देने वाले आपराधिक मामलों के वकील हैं और उन लोगों की मदद करते हैं जो वकीलों का खर्च नहीं उठा सकते. उन्होंने इंडिया स्पेंड को बताया कि वे हर महीने औसतन लगभग 5,000 रुपए कमाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उदय यू. ललित ने अप्रैल 2022 में अपने एक बयान में कहा, "गरीबों को कानूनी सहायता देने का...

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क्यों की जा रही है गधों की हत्या, कितने जरूरी हैं हमारे लिए गधे

डाउन टू अर्थ, 30 दिसंबर हर शाम मोहम्मद इकबाल अपने गधे को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ले जाते हैं ताकि रेलवे ट्रैक की मरम्मत में इस्तेमाल होने वाली बजरी और रेत को ले जाने के लिए उसका प्रयोग हो सके। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शाहदरा जिले के निवासी इकबाल कुछ इसी तरह के काम के लिए ही अपने गधे को निर्माण स्थलों पर भी ले जाते हैं। वह कहते हैं,...

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शून्य से नीचे तापमान में भी लद्दाख के किसान कर रहे गोभी, टमाटर और पालक जैसी कई सब्जियों की खेती

 गाँव कनेक्शन, 26 दिसंबर लद्दाख के खालसी गाँव के 50 साल के रिंचा अंगचुक पेशे से किसान हैं। उनके लिए सर्दियों के महीने हमेशा से संघर्षपूर्ण हुआ करते थे। कड़ाके की ठंड से बचने के अलावा, अपनी पत्नी और दो बेटियों को खिलाने के लिए पौष्टिक सब्जियां ढूंढना हमेशा से एक चुनौती रहा था। अंगचुक ने गाँव कनेक्शन को बताया, "सर्दियों के महीनों में टमाटर की कीमत 150 रुपये से 200...

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