झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...
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सोनकब्र!- हिमांशु वाजपेयी की रिपोर्ट(तहलका ,हिन्दी)
उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के कई गांव एक महीने के भीतर 100 से भी ज्यादा बच्चों की मौत देख चुके हैं, लेकिन शासन यह मानने के लिए तैयार नहीं. और जाहिर सी बात है कि जब मानेगा ही नहीं तो कुछ करेगा भी क्यों? हिमांशु बाजपेयी की रिपोर्ट सोनभद्र में हालात उससे कहीं ज्यादा बुरे हैं जितना सोचकर आप लखनऊ या दिल्ली से यहां आते हैं. महज कुछ घंटे यहां गुजारने...
More »मगध में मुरदहिया सन्नाटा- निराला(तहलका, हिन्दी)
बिहार के मगध क्षेत्र में इंसेफलाइटिस पिछले तीन महीने से अमूमन हर रोज एक बच्चे की जान ले रहा है. जो बच्चे बच जा रहे हैं उन्हें बाकी जिंदगी अपंगताओं के साथ गुजारनी होगी. लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन और कथित समाजसेवी संस्थाएं आंखें मूंदे बैठे हैं. निराला की रिपोर्ट पिंकी की उम्र आठ-नौ साल होगी. गया-पटना रोड पर स्थित रसलपुर गांव की रहने वाली है. उसके सामने जाते ही उसकी...
More »चेंदरू चरित- राजकुमार सोनी(तहलका)
जो लोग हरक्यूलिस साइकिल की सवारी को जानदार मानते हुए वाल्व वाले रेडियो से प्रसारित होने वाली खबरों पर यकीन करते रहे हैं वे थोड़ा -बहुत तो जानते हैं कि चेंदरू कौन है और उसने क्या कमाल किया था. बहुत दावे के साथ तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उन लोगों का परिचय भी चेंदरू की दुनिया से हो सकता है जो कभी मधु मुस्कान या चकमक जैसी पत्रिकाओं के...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
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