जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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भूख है तो सब्र कर
इलाहाबाद। शुरुआत करते हैं दुष्यंत कुमार के एक शेर से-न हो कमीज तो पांव से पेट ढक लेंगे, ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफर के लिए। दरअसल इस शेर की याद इसलिए आई कि राज्य के मानवाधिकार आयोग ने एक ऐसे मामले का संज्ञान लिया है जो दुखद तो है ही साथ ही शर्मसार कर देने वाला भी है। इलाहाबाद के एक गाव में भूख मिटाने के लिए बच्चे मिट्टी खाने को...
More »बड़े सपनों की पाठशाला का नन्हा हेडमास्टर
16 साल के बाबर अली का स्कूल बताता है कि बड़े काम बड़ी उम्र के मोहताज नहीं होते. सम्राट चक्रबर्ती की रिपोर्ट(तहलका (हिन्दी) से साभार) प. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेल्डांगा रेलवे क्रॉसिंग के आस-पास शायद ही ऐसा कुछ हो जो आपको खास लगे. लेकिन कोलकाता से हमारी पांच घंटे की बस यात्रा की मंजिल यहीं थी. मार्क्सवादी सपने दिखानेवाले और शादीशुदा दंपत्तियों की निजी समस्याओं के समाधान...
More »सांझा चूल्हा योजना से जुड़ा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम
भोपाल। मध्यप्रदेश में कल से शुरू हो रही 'साझा चूल्हा' योजना से उसी रसोई को जोड़ा गया है, जो अब तक 'मध्यान्ह भोजन योजना' के तहत स्कूली बच्चों के लिए भोजन बनाया करती थी। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि जिस रसोई में स्व-सहायता समूहों द्वारा 'मध्यान्ह भोजन योजना' में बच्चों के लिए भोजन बनाया जाता है। अब...
More »मिड डे मील (एमडीएमएस) योजना
खास बात • मिड डे मील योजना की शुरुआत साल 1995 में हुई लेकिन अधिकतर राज्यों ने इस योजना के नाम पर मासिक आधार पर कच्चा अनाज देना शुरु किया। अदालत ने २८ नवंबर २००२ को इसका संज्ञान लेते हुए आदेश दिया कि बच्चों को योजना के तहत पकाया हुआ भोजन दिया जाय।"# •मिड डे मील योजना का संशोधन और परिमार्जन साल 2004 के सितंबर में हुआ और इसे सार्विक कर दिया गया।...
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