एशिया के सबसे बड़े कॉफी उत्पादक एवं नियार्तक भारत में रकबा बढ़ने के कारण विपणन वर्ष 2017-18 में कॉफी उत्पादन रिकॉर्ड 3.50 लाख टन होने का अनुमान है। कॉफी बोर्ड ने फसल का पहला पूवार्नुमान जारी करते हुए कहा कि फली लगने से पहले किये गये अनुमान के हिसाब से इस विपणन वर्ष में 3.50 लाख टन कॉफी का उत्पादन होगा। इसमें अरेबिका किस्म का उत्पादन 1.03 लाख टन और...
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हिमालय की पीर -- जयसिंह रावत
हिमालय आकार में जितना विराट है, अपनी विशेषताओं के कारण उतना ही अद्भुत भी। कल्पना करें कि अगर हिमालय न होता तो दुनिया और खासकर एशिया का राजनीतिक भूगोल क्या होता? एशिया का ऋतुचक्र क्या होता? किस तरह की जनसांख्यकी होती और किस तरह के शासनतंत्रों में बंधे कितने देश होते? विश्वविजय के जुनून में दुनिया के आक्रांता भारत को किस कदर रौंदते? न गंगा होती, न सिंधु होती और...
More »हिमालय नीति की जरूरत--- वीरेंद्र कुमार पैन्यूल
एक हिमालय नीति की जरूरत दशकों से महसूस की जा रही है। पूरे विश्व ने व संयुक्त राष्ट्र ने भी आधिकारिक रूप से यह माना है कि पहाड़ों के विकास की अलग रणनीति और तौर-तरीके होने चाहिए। पूर्व में अंतरराष्ट्रीय पर्वतीय वर्ष भी मनाया गया था। अमेरिका में तो पर्वतीय विकास पर काम करने के लिए अलग से एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है। इसी क्रम में हिमालय के लिए एक अलग...
More »जनसंख्या नियंत्रण को राह दिखाता असम-- जयप्रकाश पाडे
महात्मा गांधी ने जब कहा था, ‘धरती पर सबकी जरूरत भर का सामान है, मगर सबके लालच को पूरा करने भर का नहीं', तब उन्हें आभास भी नहीं रहा होगा कि आने वाले समय में उन्हीं का देश जनसंख्या बढ़ोतरी से संत्रस्त हो जाएगा। आज स्थिति यह है कि तमाम कल्याणकारी योजनाएं उस रूप में जरूरतमंदों और आम जन तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं, जिस रूप में उन्हें...
More »गाय के नाम पर हिंसा- 97 प्रतिशत घटनाएं मोदी राज की
गोवंश से जुड़ी हिंसा के मामले केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने के बाद बहुत तेजी से बढ़े हैं। डाटा वेबसाइट इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार साल 2010 से 2017 के बीच गोवंश को लेकर हुई हिंसा में 57 प्रतिशत पीड़ित मुसलमान थे। इस दौरान गोवंश से जुड़ी हिंसा में मारे जाने वालों में 86 प्रतिशत मुसलमान थे। इन आठ सालों...
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