किसानों के लिए वह स्थिति और भी कष्टदायी होती है, जब मॉनसून फेल हो जाने या कम वर्षा होने के कारण वह सही तरीके से धान की फसल की बुआई नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक किसानों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में उन्हें खेती के दूसरे विकल्प को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. खेती के लिए फसल के दूसरे विकल्पों में मक्का तथा मडुवा के...
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मिड डे मील पर महंगाई की मार बच्चों की थाली से आलू भी गायब
रांची: विद्यालयों में दिये जाने वाले मध्याह्न् भोजन पर महंगाई की मार पड़ी है. महंगाई के कारण बच्चों की थाली से हरी सब्जियां तो पहले से ही गायब थीं, अब आलू भी नहीं मिल रहा है. मध्याह्न् भोजन में सब्जी के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. हरी सब्जी के बदले मूली का साग और आलू का चोखा दिया जा रहा है. आलू की कीमत बढ़ने से इसकी भी मात्र घटा दी...
More »कुपोषण के खिलाफ सक्रिय हुई सरकार
कोलकाता: राज्य के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए राज्य सरकार ने यहां के होम में दिये जा रहे भोजन के मेनू को बदलने का फैसला किया है. इस संबंध में राज्य के शिशु कल्याण विभाग की ओर से सभी जिलों के बीडीओ को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें राज्य सरकार ने बच्चों को पौष्टिक भोजन देने पर विशेष जोर दिया है. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के शिशु कल्याण...
More »भूख के खिलाफ जंग में अब भी पीछे भारत- अरविन्द मोहन
कायदे से जिस साल भारत में खाद्य सुरक्षा कानून बना है और भोजन के हक पर व्यापक चर्चा हुई, उसमें तो संयुक्त राष्ट्र के संगठन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) द्वारा जारी नये हंगर इनडेक्स की भी खूब चर्चा होनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं हुआ. कुछेक अखबारों में थोड़ी विस्तृत और बाकी में हल्के-फुल्के ढंग से खबर छप कर बात समाप्त हो गयी. कुछ लोग इस बात से संतुष्ट दिखे कि...
More »देश के 20% घरों में अनाज का दाना नहीं : प्रो द्रेज
पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...
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