जनसत्ता 30 मई, 2014 : भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद मोदी ने संसद के केंद्रीय हाल से संबोधन में अपनी सरकार को गरीबों, युवाओं और स्त्रियों को समर्पित करार दिया। कॉरपोरेट जगत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चहेते ‘चायवाले’ के लिए इस दिखावे को अधिक दिनों तक निभाना टेढ़ी खीर ही होगी। गरीबों को लेकर मोदी का नवउदारवादी ट्रैक रिकार्ड सर्वाधिक संदेहास्पद रहा है।...
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विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह
जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
More »किसान आत्महत्या- पुरानी पहेली का नया समाधान
प्रति व्यक्ति आय, सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में देश का म़ॉडल राज्य कहलाने वाले केरल में पुरुषों की आत्महत्या दर विश्व में सर्वाधिक (66.3) है जबकि बीमारु राज्यों में शुमार बिहार में पुरुषों की आत्महत्या दर सबसे कम (6.3)। यह विरोधाभास क्यों ? ग्रामीण-संकट के अध्येताओं को लंबे समय से परेशान करने वाली इस पहेली का एक क्या उत्तर मिलता है प्रतिष्ठित लैंसेट जर्नल में प्रकाशित जॉनथन कनेडी और लारेंस किंग के एक अध्ययन...
More »जेब भरे तो सेहत सुधरे- कोई जरुरी तो नहीं
किसी देश की अर्थव्यवस्था तेज गति से छलांग लगा रही हो तो जरुरी नहीं कि वहां बच्चों के पोषण की दशा में भी सुधार हो रहा हो। प्रतिष्ठित लैंसेट ग्लोबल हैल्थ जर्नल में प्रकाशित एक शोध अध्ययन के मुताबिक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में बढोत्तरी का शुरुआती बालावस्था के कुपोषण को दूर करने से कोई सीधा रिश्ता नहीं है।(शोध-अध्ययन के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) यह अध्ययन निम्न और...
More »ग्रामीण नागरिक पर बढ़ रहा है स्वास्थ्य खर्च का बोझ
देश के ग्रामीण इलाके के औसत नागरिक का स्वास्थ्य खर्च औसत शहरी नागरिक के स्वास्थ्य खर्च की तुलना में ज्यादा है। 68 वें दौर की गणना पर आधारित नेशनल सैंपल सर्वे की नवीनतम रिपोर्ट इस तथ्य का खुलासा करती है। लेवल एंड पैटर्न ऑफ कंज्यूमर एक्सपेंडिचर 2011-12 शीर्षक इस रिपोर्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से जाहिर होता है कि एक औसत भारतीय हालांकि प्रति माह औसत ग्रामीण भारतीय की तुलना में...
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