पणजी। पिछले दिनों खबर आई थी कि गोवा देश का पहला कैशलेस राज्य बनने की राह पर है। लेकिन इतना बड़ा तमगा लेने की राह पर जा रहे इस राज्य के 16 प्रतिशत घरों में रहने वाले अब भी खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। आलम यह है कि यहां कई जगहों पर सार्वजनिक शौचालय तक नहीं है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार 1961 में गोवा में...
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भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...
More »रोहू और नैनी मछलियां बता रहीं गंगा कितनी प्रदूषित
पटना : गंगा का पानी कितना प्रदूषित है, अब इसकी जांच मछलियों के ब्लड सैंपल से हो सकेगी. डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार एक ऐसी ही तकनीक पर काम कर रही है. केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलाॅजी द्वारा बायो मार्कर ऑफ पॉल्यूशन पद्धति के जरिये मछलियों पर शोध किये जा रहे हैं. 2013 से पटना विवि के साइंस कॉलेज के जूलॉजी विभागाध्यक्ष आरसी सिन्हा व सीनियर रिसर्च फेलो निरझर...
More »सांसद बैस के आदर्श ग्राम गिरौद के लोग पी रहे श्मशान का पानी
रायपुर, भोलाराम सिन्हा। पूर्व केंद्रीय मंत्री व रायपुर लोकसभा क्षेत्र से सात बार के सांसद रमेश बैस के गोद लिए ग्राम गिरौद के लोग श्मशानघाट का पानी पीने को मजबूर हैं। पाइप लाइन बिछाने के नाम पर गलियों को खोद दिया गया है। इसके बावजूद लोगों के घर तक पीने का साफ पानी नहीं पहुंचा है। खुदी गलियां कीचड़ से भरी हैं। बच्चों के खेलने के लिए गांव में मैदान भी...
More »अब बैग से लीजिए प्रेशर कुकर का काम: समय ज्यादा लगता है, पर पैसा, ईंधन और पर्यावरण बचता है
एक एनजीओ द्वारा बनाए गया कुकर बैग जलवायु परिवर्तन से लड़ने में हमारी सहायता कर सकता है? कई कैमरून गृहणियां इस सोच के साथ अपनी पसंद के चावल टमाटर जैसे लजीज पकवान इस कुकर के जरिए पका रहीं हैं। बैग जैसे आकार दिखने वाला यह कुकर देखने में कलरफुल होता है। इसके काम करने का बहुत ही बाहत सरल तरीका है, जिसे पॉलीस्टीरीन और कपड़े से बनाया गया है। इस...
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