केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने बच्चों के कक्षा-वर्ग के हिसाब से उनके बस्ते के वजन का जो मानक जारी किया है, यह एक अच्छा कदम तो है, लेकिन काफी देर से उठाया गया कदम है. बहुत पहले से ही इस कदम की प्रतीक्षा हो रही थी. साल 1993 में ही प्रो यशपाल की देख-रेख में बनी यशपाल कमेटी ने यह सिफारिश की थी कि बच्चों की पीठ उनके...
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बचपन का बोझ कम करने के लिए- हरिवंश चतुर्वेदी
स्कूली बच्चों और अभिभावकों के लिए यह अच्छी खबर है। अब पहली से दसवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूली बैग का वजन निर्धारित कर दिया गया है। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित क्षेत्रों को निर्देश दिए गए हैं कि अब स्कूली बच्चों के बैग का वजन वही होगा, जो कि मंत्रालय ने निर्धारित किया है। अब पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के बैग...
More »मातृत्व लाभ हर महिला का अधिकार- ज्यां द्रेज
बच्चों का पोषण, स्वास्थ्य और उनका भविष्य मां के पेट में निर्धारित होता है. अगर मां कुपोषित और बीमार होगी, तो बच्चे भी पीड़ित होंगे. गर्भावस्था के दौरान पोषण, दवा और आराम सब समय पर मिले, यह न केवल महिलाओं के हित की बात है, बल्कि बच्चों के अधिकार और देश के विकास की बात भी है. वास्तविकता यह है कि गर्भावस्था और प्रसव भारत की गरीब महिलाओं के लिए...
More »साल 2016 में जहरीली हवा की वजह से भारत में एक लाख बच्चों की मौत: डब्ल्यूएचओ
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि साल 2016 में भारत समेत निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे अतिसूक्ष्म कण (पीएम) से पैदा वायु प्रदूषण के शिकार हुए. डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट ‘वायु प्रदूषण एवं बाल स्वास्थ्य: साफ हवा का नुस्खा' में यह खुलासा किया कि 2016 में घरेलू और आम वायु प्रदूषण के...
More »झारखंड : एक डॉक्टर के भरोसे आयुष के 23 अस्पताल-- अभिषेक पीयूष
चाईबासा : झारखंड में आयुष चिकित्सा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. स्थिति यह है कि पश्चिमी सिंहभूम जिला में एक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के भरोसे आयुष विभाग के 23 अस्पताल चल रहे हैं. खनिज और वन संपदा से परिपूर्ण झारखंड पिछड़े जिले पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में राज्य सरकार ने आयुर्वेदिक महाविद्यालय (राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्समहाविद्यालय) खोलने का निर्णय लिया, तो लोगों में उम्मीद जगी कि वे बीमार पड़ेंगे, तो...
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