मोंगाबे हिंदी, 28 जून साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ जिलों में सूखे जैसे हालत थे और किसानों की फसलों की बुवाई भी देरी से हो पा रही थी। एक साल बाद 2023 के मार्च महीने में प्री-मॉनसून के मौसम में असम में जरूरत से ज्यादा बारिश...
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मॉनसून में देरी: खरीफ फसलों की बुआई पर दिखा असर, 2021 के मुकाबले 30 फीसदी कम हुआ रकबा
डाउन टू अर्थ, 26 जून मॉनसून में देरी का असर खरीफ फसलों पर बुरी तरह से पड़ा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 23 जून 2023 तक देश में 129.53 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 6.12 लाख हेक्टेयर कम है, लेकिन चूंकि पिछले साल भी जून के महीने में मॉनसून देरी से आया था, इसलिए...
More »केदारनाथ आपदा के दस साल बाद
मोंगाबे हिंदी, 23 जून केदारनाथ आपदा को 10 साल हो चुके हैं। यह आपदा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 11,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में वर्ष 2013 के 16-17 जून को आई थी। सरकारी तौर पर मृतकों की संख्या भले ही साढ़े चार हजार के आस-पास हो, लेकिन अनौपचारिक तौर पर यह संख्या कहीं ज्यादा बताई गई। दुनिया में इतनी ऊंचाई पर किसी आपदा में इतनी संख्या में लोगों की...
More »महाराष्ट्रः बेमौसम बारिश और अधिक गर्मी ने खराब की अल्फांसो आम की फसल, बढ़ी कीमत
मोंगाबे हिंदी, 21 जून बेमौसम बारिश और तापमान में अचानक हुई बढ़ोतरी ने महाराष्ट्र में अल्फांसो आम की पैदावार को कम कर दिया है। इस वजह से पिछले साल की तुलना में इन आमों की कीमत लगभग दोगुनी हो गई। इस साल अप्रैल में यह फल पुणे की सरकारी मंडी (APMC/एपीएमसी) मे 700 से 1000 रुपये प्रति दर्जन बिका। वहीं पिछले साल एक दर्जन की कीमत 500 से 700 रुपए थी। अल्फांसो (मैंगीफेरा...
More »ठाणे में बढ़ते शहरीकरण के साथ बढ़ा बाढ़ का खतरा, 2050 तक 56 फीसदी बढ़ जाएगा शहरी जंगल
डाउन टू अर्थ, 20 जून ठाणे में बढ़ता शहरीकरण अपने साथ नई समस्याएं भी साथ ला रहा है। इस बारे में मुंबई के वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि ठाणे में बढ़ते शहरी जंगल और मौसम की चरम घटनाओं के चलते बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। अध्ययन के नतीजे जर्नल ऑफ इंटीग्रेटेड डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट में प्रकाशित हुए हैं। शोधकर्ताओं के...
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