बाल श्रम हमारे समय की एक दुखद सच्चई है. तरक्की के तमाम दावों के बावजूद आज हम उद्योग-धंधों से लेकर घर के भीतर तक पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में बाल श्रमिकों को देख सकते हैं. इसकी रोकथाम के लिए बेशक कई कानूनी प्रावधान किये गये हों, लेकिन पिछड़े क्या विकसित कहे जाने वाले समाजों तक में लाखों बच्चों का बचपन पेट की भूख मिटाने में दफन हो जाता है. वर्ल्ड...
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हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष- हिंदी पत्रकारिता : भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी
हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिकी का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न था। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की सही मायने में शुरुआत हिंदी के पहले पत्र उदंत मार्तण्ड के प्रकाशित होने के साथ 30 मई 1826 को हुई। इसीलिए इस...
More »क्या कागजी ही रहेगा बालश्रम कानून- किशोर
जनसत्ता 30 अप्रैल, 2013: मंत्रिमंडलीय समितिद्वारा बालश्रम (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दिए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं, पर अभी तक यह संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया है। इस संशोधन को राज्यसभा में पेश भी किया जा चुका है, पर मामला उससे आगे नहीं बड़ा है। इस अधिनियम में संशोधन के बाद चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चों से...
More »राज्य के 66 फीसद बच्चे कुपोषण के शिकार
पटना: राज्य के 66 फीसद बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। जीरो से पांच साल के बच्चों की हाल तो और खराब है। पांच वर्ष से कम उम्र के 80 प्रतिशत बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। इसका असर उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास पर पड़ रहा है। ये बातें सोमवार को प्लान इंडिया एवं निदान के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान में आयोजित सेमिनार में विशेषज्ञ मनीष...
More »न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति की रिपोर्ट
16 दिसंबर को दिल्ली में हुई बलात्कार की नृशंस घटना के बाद न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति ने महिलाओं को समाज में सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है. दिल्ली में न्यायमूर्ति वर्मा, गोपाल सुब्रह्मण्यम और जस्टिस लीला सेठ ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान इस रिपोर्ट को जारी किया. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 80,000 लोगों का सुझाव लिया...
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