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कारगर नीति जरूरी

केंद्रीय पूल में पंजाब के बाद सबसे अधिक योगदान देने वाले हरियाणा में अनाज भंडारण पर राज्य सरकार उतनी तत्परता नहीं दिखा रही, जितनी अपेक्षित है। कहने को तो निजी ठेकेदारों और भू-स्वामियों की मदद लेने की तैयारी की जा रही है परतु खुले में पड़ा 55 लाख टन गेहू युद्ध स्तर के प्रयासों की माग कर रहा है। भूमि अधिग्रहण नीति और खेल नीति ने हरियाणा को देश का सिरमौर बना...

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पानी की मांग 2050 तक 1447 अरब घन मीटर

नई दिल्ली। देश में सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की मांग वर्ष 2050 तक बढ़कर 1,447 अरब घन मीटर हो जाएगी और इसे पूरा करने के लिए हमें भूमिगत जल और सतही जल संसाधनों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करना होगा। जल संसाधन राज्य मंत्री विसेंट एच पाला ने यहां राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन सचिवों-मुख्य सचिवों की एक दिवसीय बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि...

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पानी के लिए कोई नहीं पानी-पानी

पटना पानी चीज ही अजीब है। पानी चढ़ता है, उतरता है..पानी जमता है। टंकी पर चढ़ने वाला पानी कभी सिर पर भी चढ़ जाता है। पानी से आदमी पानी-पानी भी होता है। लेकिन सूबे में जल संचयन के लिए बने कानून को लागू करने में प्रशासन खुद पानी-पानी है। यही वजह है कि अब तक सख्ती से यह लागू नहीं हो सका है और भूजल-वाटर रिचार्ज...

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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें

जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...

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पानी का पैसा पानी में

भोपाल. प्रदेश सरकार ने जलसंकट से निपटने के लिए बीते एक दशक में कई योजनाएं चलाईं, खूब ढिंढोरा भी पीटा.. अरबों रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन नतीजा शून्य। जलसंकट कम होने के बजाय दिनोदिन गहराता जा रहा है। पानी पाताल में पहुंच चुका है। ये हालात एक-दो जिलों के नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के हैं। दूसरी ओर विभागीय मंत्री ये मानने को तैयार नहीं कि योजनाएं फ्लाप हो गईं।...

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