नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव को यदि स्वीकार कर लिया जाता है, तो 10 माह की अवधि में डीजल के दाम 10 रुपये लीटर बढ जाएंगे. वहीं मिट्टी के तेल के दामों में अगले दो साल में 10 रुपये लीटर का इजाफा होगा. डीजल, रसोई गैस सिलेंडर तथा केरोसिन की लागत से कम मूल्य पर बिक्री से तेल कंपनियों को हो रहे भारी नुकसान के मद्देनजर सरकार मूल्यवृद्धि का रास्ता तलाश...
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इनके लिए क्या: दूसरों के घर रोशन करने वालों की जिंदगी में अंधेरा
सासाराम। वैदिक काल से लेकर अब तक दीया और बाती की परंपरा को कायम रखने वाले कुम्हारों के हाथ भले ही दूसरों के घर रौशन कर दे, मगर उनकी जिंदगी तंगहाली की चाक पर नाच रही है। बदलते समय में कसीदाकारी में दक्ष हाथों की लकीरों को ऐसी धुंधली कर दी है कि अब इनके लिए दो जून का रोटी भी भारी पड़ने लगा है। महंगी होती केरोसिन तेल के कारण मोमबत्ती...
More »पुलिस के आंकड़ों ने खोला राज, हर तीसरे दिन होती है एक मौत क्योंकि...
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में हर तीसरे दिन दहेज की खातिर एक की मौत हो जाती है। गृह मंत्रालय ने पिछले सत्र में संसद में दिल्ली पुलिस के आंकड़े पेश किए, जिसके मुताबिक बीते चार साल 2008, 2009, 2010, 2011 में दहेज के लिए मौत की धारा के तहत 689 लोगों को गिरफ्तार किया, इनमें से महज 207 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो सका और...
More »आप कितने सही हैं, डॉ सिंह?- पी साईनाथ( अनुवाद-मनीष शांडिल्य)
प्रिय प्रधानमंत्री जी, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सुप्रीम कोर्ट को ‘‘सम्मानपूर्वक’’ फटकारते हुए आप ने कहा है कि अनाज, सड़ते हुए खाद्यान्न का निपटारा जैसे सभी सवाल नीतिगत मामले हैं. आप बिल्कुल सही कह रहे हैं और बहुत दिनों बाद ऐसा किसी ने कहा है. ऐसा कर आप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सार्वजनिक बयानबाजी में ईमानदारी लाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बहुत कमी महसूस की जा रही थी. बेशक यह...
More »राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
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