-द वायर, भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय सर्वेक्षण संगठन (एनएसओ) ने 2017-18 में वार्षिक श्रम बल सर्वेक्षण करना शुरू किया, जो अब तक केवल हर पांच वर्षों पर होता था. एनएसओ ने अभी अपना तीसरा वार्षिक सर्वेक्षण (2019-20) जारी किया, जो 30 जून 2020 तक की अवधि को कवर करता है. 2017-18 में एनएसओ ने बताया कि बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी और युवा बेरोजगारी...
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आतंकरोधी कानून/राज्य दर्पण/डरो, डरो, जल्दी डरो
-आउटलुक, पता नहीं, बुजुर्ग आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत ने झकझोरा या नहीं, लेकिन अरसे बाद सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह की प्रासंगिकता पर सवाल उठा और कई हाइकोर्टों से यूएपीए, एनएसए जैसे कानूनों के दुरुपयोग पर तीखे फैसले आए तो सुलगते सवाल ज्वाला की तरह फूट पड़े। बेशक, हाल के कुछ वर्षों में असहमति और असंतोष को दबाने की खातिर इन कानूनों के दुरुपयोग के मामले बेहिसाब बढ़े हैं,...
More »देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल-7: दूसरी लहर में क्या था उत्तर प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ का हाल
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के सबसे अधिक प्रभावित 15 जिलों की जमीनी पड़ताल की और लंबी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट को अलग-अलग कड़ियों में प्रकाशित किया जा रहा है। पहली कड़ी में आपने पढ़ा कि कैसे 15 जिले के गांव दूसरी लहर की चपेट में आए। दूसरी लहर में आपने पढ़ा अरुणाचल प्रदेश के सबसे प्रभावित जिले का हाल। तीसरी...
More »बीजेपी के भव्य कार्यालय बन सकते हैं तो वादे अनुसार 10 हजार बेघर घुमंतू परिवारों के घर क्यों नहीं?
-गांव सवेरा, हरियाणा सरकार के सर्वे के अनुसार प्रदेश में 10 हजार ऐसे परिवार हैं जिनके पास मकान बनाने के लिए जमीन तक नहीं है. वहीं 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में कुल बेघर लोगों की संख्या 10 लाख 30 हजार के करीब है, इनमें से अधिकतर बेघर लोग विमुक्त घुमंतू समुदाय से हैं. मकान बनाने के लिए जमीन न होने के कारण आजादी के सात दशक बाद भी डिनोटिफाइड...
More »तन मन जन: कोरोना ने प्राइवेट बनाम सरकारी व्यवस्था का अंतर तो समझा दिया है, पर आगे?
-जनपथ, कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-2019) की महामारी ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करके रख दिया है। इस संक्रमण के दौर में सरकारी और निजी स्वास्थ्य व्यवस्था की असलियत जनता के सामने आ गयी, साथ ही दोनों के बीच विरोधाभास की कलई भी खुल गयी है। कोरोना महामारी से जूझते हुए देश की सरकारी और निजी स्वास्थ्य व्यवस्था ने अपनी रंगत दिखा दी और अब यह साफ तौर...
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