नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़े-कचरे के प्रबंधन व निपटान के लिए सरकार ने पहली बार नायाब पहल करते हुए हर गांव को एकमुश्त वित्तीय मदद देने का फैसला किया है। आबादी के हिसाब से हर गांव को न्यूनतम सात लाख और अधिकतम 20 लाख रुपये की वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति [सीसीईए]...
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खाद्य सुरक्षा विधेयक पर कांग्रेसी सांसदों के लिए विप जारी
नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश करने समेत कुछ अहम विधायी कार्य तय किए गए हैं। कांग्रेस इन्हें जल्द से जल्द पारित कराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। सत्तारूढ़ पार्टी ने इसी उद्देश्य से पूरे हफ्ते उपस्थित रहने के लिए अपने सदस्यों के लिए तीन लाइन का विप जारी किया है। सदस्यों से सदन में मौजूद रहने को कहा गया है और सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और...
More »किसानों पर भारी पड़ेगी खाद्य सुरक्षा- वी एम सिंह
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की सीढ़ियां जिस खाद्य सुरक्षा अध्यादेश, 2013 के सहारे चढ़ना चाह रही है, वह अध्यादेश खामियों से भरा हुआ है। खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लागू होने के बाद जहां लाभार्थियों के अनाज आवंटन में कटौती होगी, वहीं वर्तमान में लाभ ले रहे लाभार्थियों की संख्या में भी कटौती हो जाएगी। इस बिल में किसानों के संरक्षण का कहीं कोई जिक्र ही नहीं किया...
More »लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे
रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
More »गरीबी रेखा या भुखमरी की रेखा- अनिन्दो बनर्जी
देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करनेवालों के बारे में योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों की कोई और उपयोगिता हो न हो, यह बदहाली के स्वीकार्य मापदंड नहीं हो सकते. जिस देश में करीब 46 फीसदी बच्चे कुपोषण से प्रभावित हों, जहां करीब 40 प्रतिशत परिवार पूर्णत: भूमिहीन या एक एकड़ से कम जमीन के मालिक हों, जहां 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का गुजारा असंगठित क्षेत्र में...
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