नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 मई 2014 सत्ता संभालने के साथ ही केंद्र सरकार ने आम भारतीयों की जिंदगी में सुधार के लिए अनेकों फैसले किए। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए जहां सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। वहीं पार्टी की तरफ से सरकार की कामयाबी को बताने के लिए देशभर में 200 कार्यक्रमों को आयोजित करने का फैसला किया है।...
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तानाशाही नेतृत्व, खैरात की राजनीति-- राजदीप सरदेसाई
बाहर से देखने पर जयललिता और ममता बनर्जी एक-दूसरे से उतनी ही भिन्न हैं, जितना इडली सांभर, माछेर झोल से। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पोएस गार्डन की स्वयंभू साम्राज्ञी हैं। पहुंच से दूर ऐसी शख्सियत, जो राजसी ठाठ-बाट से रहती हैं। इसके ठीक विपरीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सलवटों वाली साड़ी और चप्पलों में खुद को लोक नायिका के रूप में पेश करना पसंद करती हैं और सड़क पर संघर्ष करने...
More »माना कि अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं...- तवलीन सिंह
इस लेख को लिखते हुए मुझे दुख होता है, लेकिन लिखना जरूरी है, क्योंकि जिस तरह अरुण शौरी ने पिछले सप्ताह मोदी सरकार की आलोचना की, वह मुझे निजी तौर पर बुरा लगा। मैंने जब से पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा, तब से मैं शौरी साहिब का सम्मान करती आई हूं। संयोग से मुझे अखबार में पहली नौकरी इमरजेंसी लगने से एक महीना पहले मिली थी। उस दौर...
More »आदिवासियत का लड़ाकू विचारक-- अनुज लुगुन
मराठी के वरिष्ठ आदिवासी कवि वाहरू सोनवाने ‘स्टेज' कविता में कहते हैं- ‘हम स्टेज पर गये ही नहीं/हमें बुलाया भी नहीं गया/उंगली के इशारे से हमारी जगह हमें दिखाई गयी/वे स्टेज पर खड़े होकर/हमारा दुख हमें ही बताते रहे.' यह कविता आदिवासी समाज को गैर-आदिवासियों द्वारा निर्देशित करने की यंत्रणादायी प्रक्रिया को बताती है. आदिवासियों को निर्देशित करने की औपनिवेशिक मंशा का प्रतिरोध करते हुए कई बार वाहरू जी कह...
More »आ रही है टेक्नोलॉजी की आंधी!- संदीप मानुधने
हम सब विभिन्न टेक्नोलॉजी यंत्रों के साथ काफी अभ्यस्त हो चुके हैं. हमें अच्छा लगता है जब न्यूनतम प्रयास में अधिकतम आउटपुट हम निकाल पाते हैं. 1980-90 के दशकों में कार्यरत रहे प्रोफेशनल्स से पूछिए कि कितना पसीना केवल फोन लगाने एवं फैक्स प्राप्त करने में लग जाता था! काम को दरकिनार कर केवल संपर्क साधने में एवं दूसरों से दस्तावेज टाइप करवाने में (और प्रतिलिपियां बनवाने में) ही कितनी...
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