नई दिल्ली: सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011 से 2018 के बीच भारतीय सैन्य बलों (थल, वायु और नौसेना) के 891 जवानों की मौत आत्महत्या के कारण हुई. इस दौरान सबसे अधिक, 707 जवानों ने थलसेना में आत्महत्या की. वायुसेना में यह संख्या करीब पांच गुना कम रही जिसके 148 जवानों ने इस दौरान आत्महत्या को गले लगाया. नौसेना में सबसे कम, 36 जवानों ने...
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गोरक्षा के नाम पर पिछले तीन साल में करीब 44 लोगों की हत्या हुई: रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत में पिछले तीन साल में लगभग 44 लोगों की कथित गोरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई. अंतराष्ट्रीय संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच' की रिपोर्ट का कहना है कि अक्सर ऐसे तथाकथित गोरक्षकों को प्रशासन और हिंदुत्ववादी नेताओं का संरक्षण प्राप्त होता है. बिजनेस स्टैंडर्ड की ख़बर के अनुसार, इस सप्ताह में जारी 104 पृष्ठ की रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा हमलों की जांच की गई और कहा गया...
More »आरटीआई के तहत नोटबंदी से जुड़ी जानकारी नहीं देने पर सीआईसी ने आरबीआई को लगाई फटकार
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आरटीआई के तहत नोटबंदी से जुड़ी जानकारी देने में लापारवाही बरतने को लेकर रिजर्व बैंक की खिंचाई की है और उसके केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एक आरटीआई आवेदन में निदेशक मंडल की उस बैठक का ब्योरा मांगा गया था जिसमें नोटबंदी के मुद्दे पर विचार किया गया था. आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने आरबीआई के केंद्रीय...
More »क्यों झारखंड में आदिवासियों के लिए सरकारी राशन लेना दिनोंदिन मुश्किल होता जा रहा है
बीते पांच फरवरी को झारखंड सरकार ने जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन लेने के लिए राशन कार्ड में दर्ज सभी सदस्यों का आधार लिंक करवाना अनिवार्य कर दिया. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून अनुसार योग्य परिवारों को प्रति माह कार्ड पर दर्ज प्रत्येक सदस्य के लिए सस्ते दरों पर पांच किलो अनाज का अधिकार है (अन्त्योदय कार्डधारियों को 35 किलो प्रति परिवार). राज्य खाद्य विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध सरकारी आंकड़ों...
More »अल्पसंख्यक की परिभाषा तय करने में संविधान विशेषज्ञों की राय लेगा आयोग
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक ‘अल्पसंख्यक' शब्द की परिभाषा तय करने में जुटे अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि इस संदर्भ में कुछ व्यवहारिक दिक्कत है जिस वजह से वह संविधान विशेषज्ञों की राय लेगा. हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि संविधान और सभी के हितों के ध्यान में रखते हुए वह अपनी रिपोर्ट तीन महीने की तय समयसीमा के भीतर सरकार एवं शीर्ष अदालत को सौंप...
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