प्रौद्योगिकी के विकास के साथ देश के भीतर विज्ञापनों की बाढ़-सी आ गई है। विज्ञापनों के द्वारा कंपनियां अपने उत्पाद के प्रति लोगों को रिझाने और आकर्षित करने के चक्कर में उपभोक्ताओं के प्रति अपने कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारियों से दूर हटती जा रही हैं। अपने उत्पाद के प्रचार के लिए कंपनियां मनोरंजन और खेल की दुनिया के सितारों को पेश करती हैं, ताकि लोग उनके सम्मोहन के प्रभाव में...
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कैसे रुकेंगे सड़क हादसे-- देवेन्द्र जोशी
एक आकलन के मुताबिक आपराधिक घटनाओं की तुलना में पांच गुना अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है। कहीं बदहाल सड़कों के कारण तो कहीं अधिक सुविधापूर्ण अत्याधुनिक चिकनी सड़कों पर तेज रफ्तार अनियंत्रित वाहनों के कारण ये हादसे होते हैं। दुनिया भर में सड़क हादसों में बारह लाख लोगों की प्रतिवर्ष मौत हो जाती है। इन हादसों से करीब पांच करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। भारत में...
More »असम में प्रकाशित हुआ NRC का पहला मसौदा, 1.90 करोड़ को मिला स्थान
कोलकाता। असम में नए साल के पहले दिन बहुप्रतीक्षित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) का पहला मसौदा जारी किया गया। इस मसौदे में 1.90 करोड़ लोगों को स्थान मिला है। राज्यभर में बेहद कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार आधी रात को मसौदे को प्रकाशित किया गया। एनआरसी में नाम शामिल कराने के लिए 3.28 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था। उनके दस्तावेजों की सत्यता की जांच करने के बाद अब...
More »शिक्षा के 'उद्योग' में फीस नियंत्रण की रस्म अदायगी!
देशभर में आए दिन सामने आने वाले विवादों-मुद्दों में कम ही ऐसा होता है, जिस पर सभी एकमत हों! अपवाद का ऐसा ही एक आधार है-निजी स्कूलों की बेलगाम फीस। सभी एकमत हैं कि फीस बहुत ज्यादा है और इस पर नियंत्रण होना ही चाहिए। निजी स्कूलों की स्थिति समझने के लिए सबसे पहले कुछ संदर्भ। वर्ष 2010-11 से 2015-16 के बीच 20 राज्यों के सरकारी स्कूलों में 1 करोड़...
More »गंगा की अविरलता में निहित स्वच्छता-- उमेश चतुर्वेदी
गंगा को बचाने के लिए आखिरकार भारत सरकार ने उस सदियों पुरानी सोच को ही अंगीकार कर लिया है, जिसकी साधु-संत और आमजन गंगा सफाई अभियान शुरुआत से मांग करते रहे। यानी गंगा की धारा को अविरल बहने दो। गंगा अगर हजारों हजार साल से मुक्ति क्षमता से लैस रही है तो उसकी वजह उसकी अविरल धारा ही रही है। वैज्ञानिकों का भी मानना है कि गंगा की अगर धारा...
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