गया. यूं तो आपने कई तरह के विद्यालय देखे होंगे लेकिन बिहार के गया जिले के नक्सल प्रभावित कहे जाने वाले इलाके में एक ऐसा विद्यालय चल रहा है जिसे एक पूर्व नक्सली चला रहा है। खास बात यह है कि यह नक्सली भिक्षाटन कर यह विद्यालय चला रहा है। जहानाबाद ब्रेक कांड में था फरार कभी हाथ में बंदूक थामे रहने वाला और समाज की मुख्यधारा से विमुख हुआ नक्सली 35 वर्षीय अलखनंदा...
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मगध में मुरदहिया सन्नाटा- निराला(तहलका, हिन्दी)
बिहार के मगध क्षेत्र में इंसेफलाइटिस पिछले तीन महीने से अमूमन हर रोज एक बच्चे की जान ले रहा है. जो बच्चे बच जा रहे हैं उन्हें बाकी जिंदगी अपंगताओं के साथ गुजारनी होगी. लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन और कथित समाजसेवी संस्थाएं आंखें मूंदे बैठे हैं. निराला की रिपोर्ट पिंकी की उम्र आठ-नौ साल होगी. गया-पटना रोड पर स्थित रसलपुर गांव की रहने वाली है. उसके सामने जाते ही उसकी...
More »अधूरी तैयारियां - उपेंद्र प्रसाद
आखिरकार खाद्य सुरक्षा कानून अब हकीकत बनने जा रहा है। आजादी के बाद का संभवतः यह सबसे महत्वाकांक्षी कानून है, जिसका उद्देश्य देश के लोगों को भोजन उपलब्ध होने की गारंटी प्रदान करना है। इसके दायरे में ग्रामीण इलाके की 75 फीसदी और शहरी इलाके की 50 फीसदी आबादी रखी गई है और मान लिया गया है कि जिनको दायरे में नहीं रखा गया है, वे अपनी खाद्य सुरक्षा करने में...
More »नए शिक्षकों की नियुक्ति पर हटेंगे नहीं विद्यार्थी मित्र
जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों की नियुक्ति पर संबंधित स्कूल में पूर्व से सेवारत विद्यार्थी मित्र को सेवा से हटाया नहीं जा सकेगा। इन विद्यार्थी मित्रों को जिले में कहीं भी समतुल्य पद रिक्त होने की स्थिति में लगाया जा सकेगा। स्थिति देखते हुए विद्यार्थी मित्र का प्रारंभिक से माध्यमिक और माध्यमिक से प्रारंभिक में सैटअप परिवर्तन भी किया जा सकेगा। राज्य में पिछले कुछ समय से आयोग के...
More »संभावना का परिसर
जनसत्ता 18 दिसंबर, 2011 : बहुत दिनों से जलगांव में बन रहे ‘गांधी शोध संस्थान’ के बारे में सुन रहा था। इसे देखने-समझने और जो लोग इसके पीछे हैं उनसे मिलने की इच्छा और उत्सुकता थी। पर मैं इन लोगों को नहीं जानता था, इसलिए संकोच होता था। पर आखिरकार जलगांव जाने का मौका मिल ही गया। वहां एक बडेÞ उद्योगपति हैं भंवरलाल जैन, जिन्होंने टपक-सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) के क्षेत्र में...
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