SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 844

लूट की छूट- आशीष खेतान

छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को हो रहा है जिन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की कृपादृष्टि है. आशीष खेतान की रिपोर्ट. साल 2011 की बात है. दीवाली का मौका था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित अखबार ‘पत्रिका’ के स्थानीय संपादक गिरिराज शर्मा के पास एक विशेष उपहार पहुंचा. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय की तरफ से...

More »

पीड़ा में पहाड़िया- निराला की रिपोर्ट

झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...

More »

यहां पर बच्चे पढ़ने नहीं काम करने जाते हैं स्कूल-पंकज सर्राफ

ऊधमपुर. केंद्र सरकार समूचे भारत में सर्व शिक्षा अभियान स्कीम के माध्यम से हर बच्चे को शिक्षित करने के भरपूर प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में तैनात कुछ लापरवाह अध्यापक विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। कभी स्कूल में बच्चों से मिड-डे-मील बनवाया जाता है तो कभी उन्हें पीने का पानी ढोने के कार्य में लगा दिया जाता है। सरकारी स्कूलों में...

More »

बिहार में बाढ़ से 50 हजार लोग बेघर, 10 हजार एकड़ में लगी फसल बर्बाद

भागलपुर। बाढ़ का रौद्र रुप दिनों दिन बढ़ते ही जा रहा है। नवगछिया के राघोपुर गांव के बाद रविवार को नाथनगर प्रखंड में तबाही देखने को मिली है। बाढ़ से अबतक दर्जनों गांव इसके चपेट में आ गये हैं, जिससे तकरीबन पचास हजार लोग बेघर हो गये हैं और करीब दस हजार एकड़ खेत में लगी फसल, सब्जी वगैरह डूब कर बर्बाद हो गए है। इन गांवों के लोग हुए बेघर प्रखंड में बाढ़ से...

More »

ये सब तो होना ही था- रविभूषण

वित्तीय पूंजी के रूप-स्वरूप, चाल-चलन से अपरिचित अनजान व्यक्ति ही आज की राजनीति से किसी सार्थक उम्मीद की आशा कर सकता है. अब राजनीति नव उदारवादी अर्थ व्यवस्था के मातहत है. जिसे ‘शिकागो स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स’ कहा जाता है, वह अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन की आर्थिक दृष्टि और नीति के बाद ही प्रमुख रूप से अस्तित्व में आया. मिल्टन फ्रीडमैन नव उदारवादी अर्थशास्त्र के प्रमुख प्रणोता हैं. मनमोहन सिंह का अर्थशास्त्र...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close