कुचायकोट [गोपालगंज, मनोज राय]। सवनहीं जगदीश गांव के कन्हैया सिंह, वीरेन्द्र सिंह, दुखी सिंह, महावीर सिंह और मंगल सिंह, ये पांच किसान हैं, जिन्होंने वर्ष 2001 में सामुदायिक सिंचाई की छोटी-सी पहल की थी। दस बरस में यह प्रयास कुछ यूं रंग लाया कि सामुदायिक सिंचाई अब कृषि विकास का 'माडल' बन चुका है। पैदावार भी अच्छी होने लगी और मानसून पर से निर्भरता भी घटी। सिंचाई व्यवस्था की इस...
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बकायादारों को भी मिलेगा कृषक ज्योति योजना का लाभ
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में बिजली बिलों के बकायादार किसानों को भी कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत नि:शुल्क बिजली देने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बिजली बिलों के 76 हजार 348 बकायादारों किसानों को भी कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत पांच हॉर्स पावर सिंचाई पम्पों के लिए सालाना छह हजार यूनिट बिजली नि:शुल्क देने का फैसला किया है। ...
More »हरियाणा और पंजाब से लेना होगा सबक
चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
More »पानी की मांग 2050 तक 1447 अरब घन मीटर
नई दिल्ली। देश में सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की मांग वर्ष 2050 तक बढ़कर 1,447 अरब घन मीटर हो जाएगी और इसे पूरा करने के लिए हमें भूमिगत जल और सतही जल संसाधनों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करना होगा। जल संसाधन राज्य मंत्री विसेंट एच पाला ने यहां राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन सचिवों-मुख्य सचिवों की एक दिवसीय बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि...
More »वर्षा जल पर अनुसंधान बंद
रायपुर. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के भूमि एवं वर्षा जल प्रबंधन विभाग के बंद होने के बाद से राज्य में वर्षा जल पर पांच साल से अनुसंधान बंद है। इसके विशेषज्ञों के शोध के बाद खेतों को सिचिंत करने २००३ में एक लाख डबरी बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। इस पर काम हुआ लेकिन बाद में सरकार बदलते ही इस योजना को बंद कर दिया गया।...
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