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बांस बोरिंग की तकनीक ने बदली कोसी की किसानी

आग और पहिया मानव सभ्यता के इतिहास का सबसे बडा आविष्कार थे. इन आविष्कार ने मनुष्य की जिंदगी बदल कर रख दी. सभ्यता की ओर यह बहुत बड़ी छलांग थी. उसी तरह सन 1968 की 21-22 दिसंबर को एक साधारण किसान ने भी ऐसा आविष्कार किया जिसने पूरे कोसी क्षेत्र की तकदीर बदल कर रख दी. इस आविष्कार ने छोटे और साधारण किसानों को भी मामूली खर्च पर अपने खेतों को...

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"मथुरा रेप केस के बाद बलात्कार संबंधी कानूनों को मजबूत किया गया."

प्रकाशन और कई किस्म के सामाजिक हस्तक्षेप के जरिए भारतीय स्त्री विमर्श को एक नई दिशा देने वाली उर्वशी बुटालिया को आज भारतीय नारीवाद की एक पुरजोर आवाज के तौर पर पहचाना जाता है. भारतीय महिला आंदोलनों के बिखराव और उनकी वर्तमान दिशा पर प्रियंका दुबे ने उर्वशी के साथ विस्तार से बातचीत की आप पिछले 45 वर्षों से भारतीय स्त्री विमर्श का हिस्सा रही हैं. इस दौरान हुए बदलावों...

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दयामनी के संघर्ष को अमेरिका में सम्मान

दयामनी बारला आदिवासी समुदाय की एक ऐसी महिला हैं, जिनका जीवन संघर्षों का सिलसिला है और जो झारखंड में जल-जंगल और जमीन की लड़ाई को मंजिल तक पहुंचा रही हैं. उन्हें 23 मई को अमेरिका के न्यूयार्क शहर में कल्चरल सर्वाइवल एलेन एल लूज इंडिजीनस राइट अवार्ड से सम्मानित किया गया. यह अवार्ड उन्हें आदिवासी इतिहास, भाषा, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए दिया गया. यह पुरस्कार प्राप्त करके जब वह...

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उत्तराखंड के सबक- रोहित जोशी

जनसत्ता 21 जून, 2013: पिछले सालों में बरसात का मौसम उत्तराखंड के लिए तबाही का मौसम साबित हुआ है। अबके मानसून की पहली बारिश ही उत्तरकाशी, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन का मंजर लेकर आई है। जबकि अभी बरसात का पूरा मौसम बाकी है। यों तो आंख मूंद कर इन आपदाओं को सिर्फ प्राकृतिक माना जा सकता है और आपदा-राहत में...

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हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष- हिंदी पत्रकारिता : भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिकी का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न था। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की सही मायने में शुरुआत हिंदी के पहले पत्र उदंत मार्तण्ड के प्रकाशित होने के साथ 30 मई 1826 को हुई। इसीलिए इस...

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