लुधियाना। पंजाब में हरित क्राति के बाद कृषि मित्र पक्षियों की संख्या में अचानक कमी हो गई। कारण था छायादार पेड़ों की संख्या में कमी और कमाई के लिए लगाए गए नुकीले पेड़ों पर घोंसलों का असुरक्षित होना। इसी के चलते गटार, लालड़ी , छोटी चिड़िया (हाउस स्पैरो), चक्कीराहा (हुप्पू), कठफोड़वा (वुडपेकर), नीलकंठ (ब्ल्यू जे), छोटा व बड़ा उल्लू जैसे पक्षियों की संख्या लगातार कम होने लगी। हालाकि, इसके पीछे...
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रामगढ़ के किसानों पर बरपा हाथियों का कहर
खरसावां। प्रखंड अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में जंगली हाथियों का कहर शुरू हो गया है। गुरुवार की देर शाम दर्जनों की संख्या में पहुंचे हाथियों के झुंड ने रामगढ़ समेत आसपास के किसानों की खड़ी धान की फसल को खाने के साथ ही तहस-नहस कर दिया। इतना ही नहीं शैलेस सिंह नामक एक किसान के बागान में बने मकान व लगे आम, अमरूद, कटहल आदि फलदार पेड़ों को क्षतिग्रस्त कर दिया।...
More »कोसी के बाढ़-पीड़ितों के लिए दिल्ली में साईकिल रैली
बिहार बाढ़ विभीषिका समिति और दिल्ली यंग आर्टिस्ट फोरम कोसी नदी की बाढ़ से होने वाली सालाना तबाही पर जनजागरण के लिए १७ से २४ नवंबर के बीत भगत सिंह पार्क से संसद भवन तक एक साईकिल रैली का आयोजन कर रहा है। साईकिल रैली से दिल्ली के तमाम इलाकों के भ्रमण की योजना बनायी गई है। साल २००८ में कोसी नदी में आई बाढ़ में सैकड़ों लोगों की जान...
More »आदेश को ठेंगा
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देशों की भी चिंता न करते हुए राजस्थान सरकार ने खनन के लिए सौ से ज्यादा ठेके जारी कर दिए। अरावली की पहाड़ियों पर चल रहे खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश दिए हैं और इस आदेश के आने के बाद भी सरकार द्वारा सौ से अधिक माइनिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दिए जाने की बात सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और पर्यावरण...
More »उत्तराखंड की बांध परियोजनाएं-किसको क्या मिला?
नये राज्यों के गठन के पीछे एक तर्क उनके आर्थिक विकास का दिया जाता है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ-साथ उत्तराखंड का गठन नये राज्य के रुप में हुआ तो जातीय पहचान के साथ-साथ इन राज्यों के आर्थिक विकास का भी तर्क दिया गया था। उत्तराखंड को अस्तित्व में आये अब तकरीबन नौ साल पूरे हो रहे हैं। चिपको आंदोलन समेत कई जनआंदोलनों की जन्मभूमि रहे उत्तराखंड में फिलहाल बांध...
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