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प्रदेश में तीन लाख से ज्‍यादा बेटियां शौचालय बिना शर्मसार

संदीप तिवारी, रायपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के पांच साल बाद भी छत्तीसगढ़ के प्राइमरी, मिडिल, हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई करनी पड़ रही है। आलम ये है कि छत्तीसगढ़ की कुल 56 हजार 394 स्कूलों में से 1 हजार 673 स्कूलों के विद्यार्थियों को अभी भी पीने का पानी नसीब नहीं है।   1 लाख 10 हजार 713 छात्रों को...

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क्यों झूठे हैं मृत्युदंड को समाप्त करने के लिए दिए जा रहे चारों तर्क-- कल्पेश याग्निक

‘जो कुछ भी गोपनीय रखा जाता है, पूरी तरह बताया और समझाया नहीं जाता, अनेक प्रश्न अनुत्तरित रखकर किया जाता है; वह बाद में सड़ने लगता है। चाहे इस तरह किया गया न्याय ही क्यों न हो। - पुरानी कहावत मृत्युदंड दिया जाना चाहिए कि नहीं? प्रभावी और मेधावी लब्धप्रतिष्ठितों की स्पष्ट राय है - नहीं? उनके चार तर्क हैं : 1. क्योंकि यह तो ‘आंख के बदले अांख' का विकृत कानून हो...

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क्या याशिनी बन पाएगी देश की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस सब-इंस्पेक्टर?

चेन्नई। के. प्रथिका याशिनी के पास देश की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने का मौका है। मद्रास हाईकोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में याशिनी को पुलिस सब-इंस्पेक्टर की शारीरिक परीक्षा में हिस्सा लेने की अनुमति दी है। उत्तीर्ण होने पर वे यह पद पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर होंगी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस टीएस शिवगंगनम ने पहली बेंच ने तमिलनाडु यूनिफॉर्म सर्विसेस रिक्रूटमेंट बोर्ड (TNUSRB) को निर्देश दिया है कि...

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फांसी के खिलाफ नागपुर जेल में 50 नक्सली अनशन पर

विनय दलवी (मिड-डे), नागपुर। केंद्रीय कारागार नागपुर में बंद करीब 50 नक्सली याकूब मेमन की फांसी के विरोध में भूख हड़ताल पर चले गए हैं। जबकि जेल अधिकारी याकूब को फांसी देने की तैयारी में व्यस्त हैं। नागपुर जेल में आजादी के बाद फांसी देने का यह 24वां मामला होगा। जेल अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी से एक शेड और फांसी देने के लिए एक प्लेटफार्म बनाने को कहा है। एक अधिकारी ने...

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बाज आएं जातिवाद की सियासत से- संजय गुप्त

जातिगत जनगणना के आंकड़ों की आड़ में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह स्पष्ट करके अच्छा किया कि राज्यों को ये आंकड़े पहले ही भेजे जा चुके हैं और वे जातियों-उपजातियों, गोत्रों आदि के असमंजस को दूर कर दें तो फिर तर्कसंगत वर्गीकरण का काम शुरू हो। यह काम 'नीति आयोग" की एक समिति करेगी और फिर जातिवार आंकड़ों को देश के सामने लाया जाएगा। 2011 की जनगणना...

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