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जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी

वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...

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1 स्कूल, 2 शिक्षक और 3 विद्यार्थी

कोरबा। पुनर्वास ग्राम वैशालीनगर में संचालित प्राथमिक शाला में अध्ययरत महज तीन बच्चों के लिए दो शिक्षाकर्मी पदस्थ हैं। इसमें भी कभी एक बच्चा ही पढ़ने आता है, तो कभी एक भी नहीं। ऐसे में दोनों शिक्षाकर्मी यहां हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। दूसरी ओर जिले में 236 स्कूल ऐसे हैं, जहां पांच कक्षाओं के लिए केवल एक शिक्षक ही पदस्थ हैं। यह माजरा कुसमुंडा के ग्राम वैशालीनगर का...

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बजट बाद वित्त मंत्री के नाम एक खत...गोविन्दो भट्टाचार्य

प्रिय वित्त मंत्री, यह आपकी सरकार का पहला बजट था। जनता ने भारी-भरकम जनादेश देकर आपको यह मौका दिया। पिछले शासन से अलग हटकर आपने जनता से बदलाव और बिना किसी खैरात के विकास करने का वादा किया था। वित्त मंत्री जी क्या हुआ इन वादों का? तीस सालों में पहली बार आपकी पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आई। यह राष्ट्र बखूबी जानता है कि पिछली सरकार ने अपने शासन में...

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न्यायिक स्वतंत्रता का सवाल- राजीव धवन

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू कुछ कहते हैं, तो उस पर सबका ध्यान जाता है। लेकिन इस बार मामला अलग है। स्वाभाविक है, जब वह न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव में आने का आक्षेप लगा रहे हों, और उसकी स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर रहे हों, तो यह महज संवाद बनकर नहीं रह सकता। आखिर यह मामला तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीश और सीधे तौर पर पिछली यूपीए सरकार के...

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एक खबर जिसकी हत्या हुई - चंदन श्रीवास्तव

बात आत्महत्या से संबंधित खबरों की हो, तो अपने देश के अखबार आत्महत्या का सामाजिक आधार खोजते हुए शादी-ब्याह तक पहुंचते हैं और यह बताते हैं कि भारत में आत्महत्या कुंवारों से ज्यादा शादीशुदा लोग कर रहे हैं. वर्षो से यही चलन जारी है. इस साल भी एक अखबार ने सुर्खी लगायी है कि ‘शादीशुदा लोगों में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति ज्यादा!' और पाठकों को ज्ञान दिया है कि ‘देश...

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