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नाम के नागरिक- बृजेश सिंह (तहलका हिन्दी)

वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...

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कैसे हो जैव संपदाओं का संरक्षण- विष्णुदत्त नागर

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैव विविधता को संरक्षण देने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2010-11 को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष घोषित करने के बावजूद भारत की जैव संपदा को पश्चिमी देश लूट रहे हैं। हमारी सरकारों की उदासीनता पश्चिमी देशों का हौसला बढ़ा रही है। भारत समेत अन्य विकासशील देशों ने इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर आवाज उठाई और जैविक संपदा के संरक्षण और उपयोग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय फ्रेमवर्क...

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जंगली उत्पाद का सहायक मूल्य निर्धारित करे केंद्र : मंत्री

राज्य के जंगल परिवेश मंत्री देवी प्रसाद मिश्र ने केंद्रीय आदिवासी कल्याण तथा पंचायती राज मंत्री वी. किशोर चन्द्र देव से मुलाकात कर उनसे जंगली उत्पाद के सहायक मूल्य निर्धारित करने का आग्रह किया। मंत्री श्री मिश्र ने उन्हे राज्य में आदिवासियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं कि भी जानकारी दी। ओड़िशा प्रदेश पूरे देश में जंगल अधिकार अधिनियम के अनुपालन में सर्वप्रथम स्थान हासिल करता...

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विकास की छांव को तरसता मुंडा का गांव

सूबे के विकास का नक्शा तैयार कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का अपना गांव बदहाल है.जीएस सिंह के साथ अनुपमा की रिपोर्ट सरायकेला-खरसावां. झारखंड और देश के बाहर इस इलाके की पहचान प्रसिद्ध छउ नृत्य कला के लिए है. यहां के छउ नृत्य गुरु पद्मश्री केदार साहू की ख्याति दुनिया भर में हुई. लेकिन अब सरायकेला-खरसांवा की एक और पहचान भी है. यह राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा...

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जंगल को लेकर साल भर चलाया जाएगा अभियान : विनोद

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता : राज्य के लोगों को जंगल के बारे में जागरूक कराने के लिए कई कार्यक्रम हाथ में लिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए ओड़िशा परिवेश कांग्रेस के निदेशक विनोद कुमार ने कहा कि इस जन-जागरूकता कार्यक्रम के लिए एक साल की योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत विभिन्न शिक्षा अनुष्ठानों, स्वेच्छासेवी अनुष्ठानों, शिल्प संस्थानों, सरकारी कर्मचारियों तथा जन-साधारणों को जागरूकता कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। चित्रांकन,...

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