जनसत्ता 25 मई, 2013: भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वास्थ्य क्षेत्र संकट की स्थिति में है। गांवों के लिए विशेष स्वास्थ्य मिशन स्थापित करने के बावजूद अधिकतर जरूरतमंद गांववासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं, या इन्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें असहनीय खर्च करना पड़ता है। इलाज पर आने वाला खर्च कर्जग्रस्त होने और गरीबी में धकेले जाने का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इस...
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बाल विवाह की समाजिक बुराई पर युवाओं की एक पहल- रेणुका पामेचा
ममता 17 साल की है। वह अन्य लड़कियों के साथ पिता के साथ रहती है परंतु अपने पिता से उसका रिश्ता काफी कठिन दौर में है क्योंकि ममता ने अपने बाल विवाह को रुकवाने के लिए दो बार पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। 13 मई 2013 को होने वाली शादी भी रुकवाई। ममता ने आगे पढ़ाई जारी रखने का पक्का इरादा बना रखा है। वह पिता के दबाव में नहीं...
More »कृषि सेक्टर को मिलने वाले कर्ज में आई तेजी
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट फरवरी 2013 में एग्री सेक्टर को कर्ज में वृद्धि गत वर्ष के 8.1 से बढ़कर 16.1 फीसदी बैंक प्राथमिक सेक्टर को कर्ज उपलब्ध कराने वाले लक्ष्य को पूरा करने में जुट रहे हैं उद्योग जगत को कर्ज की वृद्धि दर गत वर्ष के 18.2 फीसदी से घटकर 17.6 फीसदी देश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों की ओर से कृषि सेक्टर को दिया जाने वाला कर्ज लगातार बढ़ता जा...
More »रंग ला रही है बुंदेलखंड को सूखे से निजात दिलाने की कवायद
सागर(मप्र)। जिस बुंदेलखंड को गुजरे जमाने से दरकती जमीन और प्यासे कंठ को तर करने की जद्दोजहद में सर पर गगरी लिए, तपती पगडंडियों पर मीलों तक भटकती महिलाओं और बच्चों के झुंडों के दृश्यों के लिए जाना जाता रहा हो अब प्रदेश सरकार, उसी अंचल की जमीन के चप्पे-चप्पे की प्यास बुझाने और इसे सिंचित बनाने की कवायद में जुटी है। अगर आंकड़ों की मानें तो पिछले पांच साल...
More »मॉरीशस मार्ग की माया- सुनील
जनसत्ता 1 अप्रैल, 2013: अट्ठाईस फरवरी को बजट पेश होते ही, वित्तमंत्री की उम्मीद के विपरीत, शेयर बाजार का सूचकांक गिरने लगा और पिछले तीन महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। कारण खोजने पर बजट भाषण का एक वाक्य खलनायक बन कर उभरा। तत्काल वित्तमंत्री से लेकर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों तक ने पत्रकार वार्ताएं आयोजित कर सफाई जारी की, ‘गलतफहमी\' दूर करने की कोशिश की और माफी...
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