जनसत्ता 9 जून, 2014 : यह एक तथ्य के रूप में ही नहीं दोहराया जा रहा है कि 1984 के बाद 2014 में ही दिल्ली की गद्दी के लिए किसी एक पार्टी को बहुमत मिला है, बल्कि इसके राजनीतिक आयाम भी अलग नहीं हैं। 1984 में हिंदुत्ववाद के उभार की एक चरम स्थिति थी, जब राजीव गांधी को दो तिहाई बहुमत मिला था। वह राजनीतिक हिंदुत्ववाद सिख-विरोधी हमलों की उपज...
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कर्ज में डूबे किसान ने जहर पीकर की आत्महत्या
हटा। कुंअरपुर गांव में कर्ज से परेशान एक किसान ने कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली हैं। किसान के ऊपर करीब डेढ़ लाख रुपये कर्ज होने की बात बताई गई है। यह कर्ज किसान ने शासन की प्रमुख योजना कपिल धारा कुएं के निर्माण के लिए लिया था, लेकिन ग्राम सरपंच, सचिव और जनपद के कर्मचारी-अधिकारी की लापरवाही के चलते उसे कुआं निर्माण की दूसरी किस्त नहीं मिल पाई थी।...
More »अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था- अविनाश कुमार चंचल
दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
More »मालदा में अनजाने रोग का कहर, दहशत में लोग
मालदा: मालदा में एक अनजाने रोग के कहर से हड़कंप मचा हुआ है. 24 घंटे के भीतर मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में नौ बच्चों की मौत हो गयी है. मृत बच्चों की उम्र एक से छह साल के भीतर बतायी गयी है. अज्ञात बीमारी के शिकार ज्यादातर बच्चे कालियाचक थाना इलाके के रहनेवाले थे. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, बुखार, बेचैनी व उलटी की समस्या से पीड़ित बच्चों को शुक्रवार को...
More »चुनावी चावल से लगी 5 सौ करोड़ की चपत, हर महीने मिलते रहा 35 किलो चावल
रायपुर. राज्य सरकार ने चुनाव के ठीक पहले बनाए गए जिन छह लाख राशनकार्डों को निरस्त किया है उनसे सरकार को 500 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। विधानसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिकार कानून के तहत अभियान चलाकर ये राशन कार्ड बनाए गए थे। इन्हें सालभर तक 35 किलो चावल हर महीने दिया गया। अब सरकार ने एक सदस्य वाले इन कार्डों को अपात्र घोषित कर दिया...
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