प्रतिष्ठित अमेरिकी बिज़नेस पत्रिका फोर्ब्स के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से देश को भारी नुकसान हो सकता है। फोर्ब्स पत्रिका के 24 जनवरी 2017 के संस्करण में छपे लेख में कहा गया है कि मोदी सरकार के इस फैसले से भारत के पहले से ही गरीब लाखों लोगों की हालत और खराब हो सकती है। फोर्ब्स पत्रिका के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ स्टीव फोर्ब्स ने लिखा है,...
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सवालों में घिरी नोटबंदी-- अनुपम त्रिवेदी
आज से एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वयं-निर्धारित 50 दिन की समय-सीमा समाप्त हो रही है. देश इंतजार कर रहा है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के वादे के अनुसार हालात सामान्य हो जायेंगे या फिर छह महीने और लगेंगे, जैसा कि सरकार विरोधी कह रहे हैं? असमंजस की स्थिति है. आम आदमी और अर्थशास्त्री, सभी कयास लगा रहे हैं. पर, प्रश्न बहुत हैं और उत्तर कम. नोटबंदी पर...
More »सरकार के लक्ष्य बदलने की वजह-- पवन के वर्मा
विपक्षी नेताओं में नीतीश कुमार संभवत: पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने नोटबंदी के पीछे की मंशा का समर्थन किया. कोई भी सरकार अगर कालाधन और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कोई कदम उठाती है, तो उसे इसके लिए कम-से-कम संशय का लाभ तो मिलना ही चाहिए. हालांकि, जदयू की तरफ से बराबर यह बात कही जाती रही कि इतने बड़े कदम के लिए तैयारी नाकाफी रही. यह भी कहा...
More »छोटे उद्योगों पर प्रहार --- डॉ भरत झुनझुनवाला
सरकार ने नोटबंदी को कालेधन के सफाये के अस्त्र के रूप में पेश किया है, परंतु लगभग पूरा कालाधन बैंकों में जमा होकर ‘सफेद' हो गया है. न सिर्फ कालेधन को नष्ट करने का उद्देश्य पूरी तरह असफल रहा है, बल्कि कालाधन पुनः नये नोटों में पैदा हो चुका है. करोड़ों रुपये के नये नोट जब्त हो रहे हैं. नोटबंदी का असल प्रहार छोटे उद्योगों पर हुआ है. तमाम उद्योग...
More »विपक्ष का अगंभीर रवैया--- आकार पटेल
इन दिनों हम देश में एक अजीब राजनीतिक स्थिति से गुजर रहे हैं. जहां एक ओर अपने ढाई वर्ष पूरे कर चुकी केंद्र सरकार पहली बार मुश्किल में फंसी नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर लोगों की भावनाओं को सामने लाने या फिर इस अवसर का लाभ उठाने के लिए जो क्षमता विपक्ष में होनी चाहिए, उसमें कमी दिखायी दे रही है. बेशक विमुद्रीकरण को लेकर बहस चल रही...
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