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भूखे रहने को मजबूर क्यों अन्‍नदाता? - देविंदर शर्मा

पिछले लगातार तीन वर्षों से गेहूं की खेती करने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी पाते रहे हैं। यह गेहूं के किसानों को भुगतान किए जा रहे दामों में तकरीबन 3.6 फीसद की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यदि इसकी तुलना सितंबर में केंद्रीय कर्मचारियों को दिए गए 7 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता से करें तो पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र में किसानों...

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छत्तीसगढ़ में कोयले का संकट, बंद होने के कगार पर कई उद्योग

मृगेन्द्र पांडेय, रायपुर। देश में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द होने के बाद छोटे उद्योग संकट में आ गए हैं। छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर कोयले का संकट पैदा होने के कारण कई उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। कई बड़े उद्योगों में 100 से 200 कर्मचारियों की छंटनी भी की जा रही है। पिछले एक महीने में प्रदेश में संचालिक पॉवर प्लांट, सीमेंट फैक्ट्री और कोयले पर...

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जच्चा-बच्चा योजना बनाने सात माह में भी नहीं जुटे अफसर

भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आर्थिक दृष्टि से कमजोर गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान देखभाल और स्वस्थ शिशु के जन्म के लिए राज्य सरकार सात महीने में भी योजना नहीं बना पाई है। इस संबंध में विभिन्न विभागों की मदद ली जानी है, लेकिन संबंधित विभाग के अफसर योजना का प्रारूप तैयार करने के लिए बुलाई गई बैठकों में दिलचस्पी नहीं हो रहे हैं। अफसर सात महीने में भी...

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तेलंगाना को एक हजार मेगावॉट बिजली देगा छत्तीसगढ़

रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ अपने नए पड़ोसी राज्य तेलंगाना को एक हजार मेगावॉट बिजली देगा। इसके लिए सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की मौजूदगी में एमओयू हुआ। एमओयू पर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अमन सिंह और तेलंगाना सरकार की तरफ से ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव एसके जोशी ने हस्ताक्षर किए। इस एमओयू के तहत छत्तीसगढ़...

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छत्तीसगढ़ के बड़े गांवों में भी अब मिलेंगी शहरी सुविधाएं

भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बड़े गांवों में अब शहरों की तरह ही सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने इस इसके लिए खाका तैयार कर लिया है। पहले चरण में तीन हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों में शहरी सुविधाएं मुहैया कराने की योजना है। इन गांवों में पक्की सड़क, अंडरग्राउंड ड्रेनेज, पक्की नाली, लाइब्रेरी, पाइप लाइन के जरिए पेयजल आपूर्ति, भूमिगत विद्युत लाइन...

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